आखिर कौन थे वो जिन्होंने आधी रात को इस भक्त की सहायता की

Bhagwan Hanuman ke Chamatkar
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आखिर कौन थे वो जिन्होंने आधी रात को इस भक्त की सहायता की – हनुमानजी के चमत्कार की सच्ची घटना – Bhagwan Hanuman ke Chamatkar

मेरा नाम अमित है और में गोरखपुर के पास आये देवरिया का रहने वाला हूँ, वैसे मेरी पूजा में आस्था बचपन से ही है, में बजरंगबली का भक्त हूँ, Bhagwan Hanuman ke Chamatkar in Hindi

बचपन से ही में पूजा पाठ और व्रत करता हूँ, मुझे शांति वाले वातावरण में रहना और पूजा से जुडी बातें और मंत्र पढ़ने और याद करने में बहुत ख़ुशी मिलती है,

ये घटना 2017 की है जब में 10th क्लास में था और किराये पर रूम लेकर रहता था, 9th क्लास से ही में श्री हनुमानजी के हर मंगलवार को व्रत करता हूँ,

मेरा काम बस स्कूल से कोचिंग और पूजा पाठ करना था, एक मंगलवार के दिन मुझे बहुत तेज़ बुखार आ गया और उस दिन मैंने श्री हनुमानजी का व्रत भी रखा था,

व्रत छोड़ने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता था, स्कूल और कोचिंग भी जाना था जिसकी वजह से में उस दिन बहुत थक चूका था,

Bhagwan Hanuman ke Chamatkar

शाम का समय हुआ और मेरा मंदिर जाना रोज़ का काम था और मंगलवार मेरे हनुमानजी के व्रत का दिन था, उस दिन भी में मंदिर गया पूजा पाठ कि और प्रसाद चढ़ाया,

और कैसे भी करके में अपने रूम पर आया, उस दिन बहुत बुखार की वजह से में घर पर पूजा के बारे में सोचता हुआ आ रहा था,

मैं सोच रहा था आज पूजा हो पायेगी या नहीं क्योंकि में हर रोज़ 7 बार सुबह और शाम श्री हनुमान चालीसा का पाठ करता हूँ और बजरंग बाण भी और दूसरे कुछ पाठ, मैंने रास्ते में ही मेरे बजरंगबली का भजन गाता हुआ चलता गया और रूम पर पंहुचा,

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घर पहुंचकर मैंने पूजा की, आरती की और जैसे ही मैंने पूजा पाठ पूर्ण किये तो दिन भर भूखे रहने और बुखार की वजह से कमजोरी के कारण अचानक मुझे चक्कर आ गए और में गिर गया,

रात को करीब 2 बजे जब होश आया तो में हैरान रह गया, क्योंकि किसीने मुझे बेड पर अच्छे से कम्बल ओढ़ाकर सुला दिया था,

जबकि मुझे याद है सो कर उठने के बाद में कम्बल को फोल्ड कर के अलमारी में रख देता था और रूम पर मेरे सिवा और कोई नहीं था, ये कैसे हो सकता है,

मेरे आँखों से आंसू आ गए, क्योंकि एक तो में अकेले ही रहता था, में किसी जे जल्दी बात नहीं करता था, मैंने मेरे बुखार के बारे में भी किसी को नहीं बताया, अब आप ही बताइए कि ये मेरे बजरंगबली के अलावा और कौन हो सकता है,

सो मेरे बजरंगबली ने उस दिन मुझ पर बहुत बड़ी कृपा की, में जीवन भर उनका दास बनकर रहूँगा, इसलिए आज भी में उनका व्रत रखता हूँ और आज मेरी उम्र 17 साल की है.

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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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