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100 बार श्री हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद देखो क्या हुआ

Hanuman Chalisa ka Chamatkar
100 बार श्री हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद देखो क्या हुआ
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Shri Hanuman Chalisa ka Chamatkar

100 बार श्री हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद देखो क्या हुआ – हनुमानजी के चमत्कार की सच्ची घटना

मेरा नाम तृषार परमार है, वैसे तो मैं गुजरात के सूरत से बिलोंग करता हूँ और पिछले सात सालों से मैं कुवैत में जॉब कर रहा हूँ, Shri Hanuman Chalisa ka Chamatkar

सबसे पहले तो मैं आपको आपकी ऑफिसियल वेबसाइट dharmikstory.com शुरू करने के लिए अभिनंदन करता हूँ, मैं आपकी वीडियोस पिछले 6 महीने से देख रहा हूँ और हर मंगलवार और शनिवार को आपके वीडियोस का इंतज़ार रहता है,

आप जो श्री हनुमानजी के चमत्कारों को बताते है उससे मेरी और मेरे वाइफ की श्री हनुमानजी के प्रति श्रद्धा और ज्यादा बढ़ गयी है, वैसे तो श्री हनुमानजी ने हमें हर कदम पर साथ दिया है, जब जब मुसीबत आयी, तब तब मेरे बजरंगबली ने मेरी सहायता की है,

आज मैं मेरे और मेरी वाइफ के साथ श्री हनुमानजी से जुड़ा एक अद्भुत चमत्कार का अनुभव आपके विडियो के माध्यम से शेयर करना चाहता हूँ, उम्मीद है की आप इसे अपने वेबसाइट पर भी शेयर करेंगे,

ये बात 9th मई 2020 की है वो दिन मुझे थोड़ा फीवर था, मैं जॉब से आने के बाद मेडिसिन लेकर सो गया, क्योंकि अगले दिन मुझे वापस जॉब पे जाना था, अगले दिन मुझे सेहत में थोड़ा सुधार लगा इसलिए मैं फिर से जॉब पर चला गया,

वहां जाने के बाद दोपहर के समय मुझे फिर से फीवर आ गया, मैंने तुरंत मेरी वाइफ को कॉल किया और कहा की तुम अभी दवाइयां ले आओ क्योंकि उसी दिन कोरोना की वजह से 4 बजे से कर्फ्यू लगने वाला था वो भी 20 दिन के लिए और सभी प्राइवेट हॉस्पिटल बंद होने वाले थे,

आप पढ़ रहे है: Shri Hanuman Chalisa ka Chamatkar in Hindi

इसीलिए मेरी वाइफ फार्मेसी से मेडिसिन ले आयी, लेकिन 2-3 दिन तक मेडिसिन लेने के बाद भी बुखार ठीक नहीं हो रहा था और फिर मेरी वाइफ को भी सेम प्रॉब्लम होने लगी, मेडिसिन से बुखार तो ठीक हो जाता लेकिन दूसरे दिन फिर से आ जाता,

कर्फ्यू की वजह से हम डॉक्टर के पास जा भी नहीं सकते थे, फिर आखिर में 16th मई को मैंने मेरे जॉब से छुट्टी ले ली, फिर ऑफिस साइट से कॉल आया कि कल यानि 17th मई तुम्हारी डे शिफ्ट है और तुमको साइट पर रिपोर्ट करना है,

मैंने मेरे सुपरवाइजर से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर तुम कल नहीं आये तो परसो तुम्हे मेडिकल फिट सर्टिफिकेट लाना होगा, अगर तुम ये सर्टिफिकेट लेकर नहीं आये तो कंपनी से तुमको टर्मिनेट कर दिया जायेगा,

उस वक़्त कर्फ्यू चल रहा था ऐसे में घर से बाहर जाना मुश्किल था, जिसके पास “कर्फ्यू  पास” हो वही बहार जा सकता था और जब तक फिट सर्टिफिकेट न दू तब तक जॉब पर भी नहीं जा सकता, इसीलिए मुझे कैसे भी करके हॉस्पिटल जाना था,

इतनी प्रॉब्लम हो गयी थी की समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, एक तो ऑफिस का टेंशन ऊपर से हम दोनों की तबीयत भी ठीक नहीं थी,

Man Fever

फिर मैंने अपने एक दोस्त से कांटेक्ट किया और मेरी प्रॉब्लम बताई, उनका भाई कुवैत में डॉक्टर है तो उन्होंने मुझे डॉक्टर्स की लिस्ट भेजी फिर उनमें से एक डॉक्टर को मैंने व्हाट्सएप पर कांटेक्ट किया, फिर उन्होंने मुझे कुछ मेडिसिन के नाम व्हाट्सप्प पे भेजे और कहा कि 3 दिन में अगर ठीक नहीं हुआ तो चेकउप करवाना,

लेकिन मुझे फिट सर्टिफिकेट भी चाहिए था, मैं और मेरी वाइफ हम दोनों घबरा गए थे, क्योंकि बुखार ठीक नहीं रहा था इसलिए हमने सोचा के 3 दिन का वेट नहीं करना है और हमें आज ही चेकउप करवाना होगा,

ये बात 17th मई की है लेकिन प्रॉब्लम ये थी की हम हॉस्पिटल कैसे जाये और ऊपर से मुझे कंपनी से प्रेशर था फिट सर्टिफिकेट सबमिट करने का, फिर उसी दिन मैंने अपने सेफ्टी ऑफिसर को कांटेक्ट किया और पूरी बात बताई वो तुरंत हमें लेने के लिए अपने रिस्क पर हमारे घर आ गया, क्योंकि उनके पास कर्फ्यू का पास था,

फिर हमें 3 बजे यहाँ की गवर्नमेंट हॉस्पिटल छोड़ा, वहां इतनी भीड़ थी कि हमारा नंबर काफी देर बाद आया और फिर हमारा कोरोना टेस्ट हुआ, टेस्ट करने के बाद हमें 14 दिन का होम क्वारंटाइन दे दिया और मुझे दवाई दी पर मेरी वाइफ को एक भी दवाई नहीं दी,

वहाँ से हम शाम के 6:15 बजे फ्री हो गए थे, लेकिन कोई गाडी ना होने के कारण हम घर भी जा नहीं सकते थे, हॉस्पिटल के स्टाफ ने कहा कि हम आपको घर छोड़ देंगे लेकिन उस समय रमजान चल रहा था, 6 बजे के बाद वे अपना फ़ास्ट छोड़ते है, तो हमें हॉस्पिटल में ही वेट करना पड़ा,

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और कोई स्टाफ आयेंगे भी या नहीं हमें छोड़ने वो भी कुछ पता नहीं था, वेट करने के अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था, एक महिला डॉक्टर थी उनसे बात की लेकिन सब यही बोल रहे थे कि छोड़ने आएंगे,

ऐसा करते करते रात के 8 बज गए, एक तो कर्फ्यू का वक़्त था ऊपर से हम दोनों बीमार थे, कैसे घर जाये कुछ भी समझ नहीं आ रहा था बस मन ही मन बजरंगबली को याद कर रहा था,

एक एक करके सभी डॉक्टर्स जा रहे थे कोई मदद करने को तैयार नहीं था, तब एक डॉक्टर की नाईट शिफ्ट थी तो वो हॉस्पिटल आये, उसी की कार में फिर हमको घर छोड़ा,

ये तो मेरे बजरंगबली की ही कृपा थी जो इतनी रात उस डॉक्टर का ड्राइवर हमें घर छोड़ने आया, वरना कोरोना वायरस की महामारी में कौन यहाँ परदेस में मदद करता ये हमारे प्रभु का ही चमत्कार था,

अगले दिन हमारे सारे पड़ोसियों को पता लग गया था की हमने कोरोना टेस्ट करवाया है, हमारे एक पडोसी का कजिन उसी हॉस्पिटल में काम करता है तो उन्होंने कहा कि आप दोनों की Civil ID का नंबर दो तो रिपोर्ट का जल्दी पता चल जायेगा,

हमें भी लगा के हॉस्पिटल वाले तो 4-5 दिन के बाद बताएँगे अगर जल्दी पता चल जाये तो हम प्रीकॉशन्स ले सकते है, तो हमने अपने Civil ID का नंबर दे दिया,

उसी दिन शाम के समय मेरी वाइफ पूजा की तैयारी कर रही थी, ये बात 18th मई की है तभी मेरे पडोसी ने कॉल करके बताया कि हम दोनों को “कोरोना पॉजिटिव है”, ये सुनकर तो मेरी वाइफ का रो रो कर बुरा हाल था,

मेरी वाइफ का उसी दिन उपवास भी था उसे तो पूरी रात नींद ही नहीं आयी और जयेशभाई मैं आपको एक बात बताना भूल ही गया की हम दोनों ने 2 दिन पहले ही ये सोचा था की अगले मंगलवार को हम 100 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे,

Hanumanji

19th मई मंगलवार की सुबह हमने 50 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया और शाम के समय 51 बार, फिर रात को सो गए, अगले दिन जब हम उठे तो काफी हद तक ठीक हो गए थे, मेरी वाइफ को सिर्फ सूखी खांसी आ रही थी, वो भी फार्मेसी की दवाई से ठीक हो गयी, Hanumanji ke Chamatkar ki Sacchi Ghatna

जब हम ठीक हो गए उसके 3-4 दिन बाद, मेरे और मेरी वाइफ के लिए हॉस्पिटल से दो अलग अलग कॉल आये, ये कहने की हम दोनों “कोरोना पॉजिटिव” है, तब मेरी वाइफ डर गयी थी की अगर हमें हॉस्पिटल में रखेंगे तो हम एक दूसरे को मिल भी नहीं पाएंगे,

घर में हम एक दूसरे का ध्यान अच्छे से रख सकते है, थोड़ा डर मुझे भी था की कही हॉस्पिटल जाना न पड़े तो अच्छा है, क्योंकि हॉस्पिटल से बार बार फोन आने लगे और यही कहते कि “वेट फॉर एम्बुलेंस”,

लेकिन अब मेरे प्रभु की कृपा देखो की 31st मई को हमारे 14 दिन होम क्वारंटाइन खत्म हो गए और हमें हॉस्पिटल जाना ही न पड़ा,

अब मुझे फिट सर्टिफिकेट की ज़रूरत थी ऑफिस में देने के लिए, क्योंकि उसके बिना मैं जॉब जॉइन नहीं कर सकता, इसीलिए जो डॉक्टर ने हमें बताया था की हम कोरोना पॉजिटिव है मैंने उसे फ़ोन किया और सारी बात बताई,

पढ़े: New Zealand में हुआ ये अद्भुत चमत्कार देखकर दंग रह जाओगे

डॉक्टर ने कहा कि हॉस्पिटल से तो आपको फिट सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा क्योंकि अभी तक किसी को दिया ही नहीं है, फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि फिर मैं अपनी कंपनी को कैसे समझाऊं, तो डॉक्टर ने कहा कि आपके मैनेजर से मेरी बात करवा देना,

ये बात को भी मेरी कंपनी नहीं मानी उन्हें तो फिट सर्टिफिकेट ही चाहिए था, मैंने डॉक्टर को कन्विंस किया फिर उन्होंने कहा कि आपके एरिया में जो हॉस्पिटल है वहा जाके बात करो शायद मिल जाये,

अब हमें हमारे एरिया की हॉस्पिटल में जाना था लेकिन यहाँ भी एक प्रॉब्लम थी कि हम पहले कुवैत में दूसरे एरिया में रहते थे और Civil ID पे हमारा पुराना एड्रेस था, अब कर्फ्यू के वक़्त हम वहां तक कैसे जाये ये प्रॉब्लम थी,

फिर मैंने एक दोस्त से बात की उनकी छुट्टी थी तो वो हमें हॉस्पिटल ले गए, वहा जाके पता चला के हॉस्पिटल बन्द था, कर्फ्यू के कारण हॉस्पिटल 9 से 1 बजे तक ही खुला रहता है,

फिर अगले दिन 2nd जून को हम फिर से हॉस्पिटल गए वहां काफी लोग थे लेकिन बजरंगबली की कृपा से हमारा नंबर जल्दी आ गया, बस अब यही टेंशन था कि सर्टिफिकेट जल्द मिल जाये,

लेकिन वहां पहुंचने बाद वहां के डॉक्टर ने सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया और कहा की आपको और 14 दिन के लिए क्वारंटाइन रहना होगा मतलब की 28 दिन,

अब मैंने अपना धीरज खोया और तुरंत ही जो डॉक्टर ने पॉजिटिव कहा था वो एम्बेसी वाले डॉक्टर को सब बात बताई तो उन्होंने उस हॉस्पिटल वाले डॉक्टर से फ़ोन पे बात की लेकिन फिर भी डॉक्टर मानने को तैयार ही नहीं था,

फिर एम्बेसी वाले डॉक्टर ने उनके सीनियर से बात की और समझाया कि ये 28 दिन वाला रूल नर्सेज और डॉक्टर्स के लिए है, उनके समझाने के बाद उन्होंने तुरंत ही हमको फिट सर्टिफिकेट बना के दे दिया,

मैंने उसी दिन यानि 2nd जून को मेरी कंपनी में मेरा सर्टिफिकेट सबमिट कर दिया, बाद में मेरे साइट ऑफिस से कॉल आया की तुमको और 2 हफ्ते रूम पे ही रेस्ट करना होगा,

मैं बहुत परेशान हो गया था क्योंकि ये COVID – 19 के कारण सभी कंपनिया अपने स्टाफ को कम कर रहे थे, तो मुझे इसी बात का डर था की कही मुझे कंपनी से निकाल न दे,

लेकिन मेरे प्रभु संकट मोचन हनुमानजी के आशीर्वाद से मुझे साइट से कॉल आया की आप ड्यूटी ज्वाइन कर सकते है और 21st जून को मैंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली,

15 मई से 20 जून तक मैं घर पर ही था, इस समय में कुछ कंपनी में काम करने के बावजूद भी 50% सैलरी मिलती थी और मैं तो एक महीने से घर पे था फिर भी मुझे पूरी सैलरी मिली, ये मेरे प्रभु हनुमानजी का चमत्कार नहीं तो क्या है,

जयेश भाई मैं आपके विडियो के माध्यम से मेरे संकट मोचन हनुमानजी के भक्तों से यही कहना चाहता हूँ की प्रभु पर अटूट विश्वास हमेशा बनाए रखे, वे कभी न कभी और किसी न किसी रूप में हमारी सहायता करने ज़रूर आते है.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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