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Sarangpur Hanumanji Temple Miracle in Hindi

जो कोई न कर सका उसे बजरंगबली ने कर दिया – श्री कष्टभंजन सारंगपुर हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार

मेरा नाम मिलन चौहान है और मैं गुजरात के बरोड़ा सिटी से हूँ, मेरी उम्र 27 साल है और मैं एक मार्केटिंग मैनेजर हूँ, मैं आपके वीडियोस रेगुलरली देखता हूँ और सोचा चलो मैं भी आज मेरा अनुभव आपसे शेयर करूँ, जिसका मेरा हेतु सिर्फ इतना है की लोगो का श्री हनुमानजी के प्रति विश्वास बढे, Sarangpur Hanumanji Temple Chamatkar in Hindi

भक्ति तो सब करते है लेकिन विश्वास बहुत कम लोग रख पाते है, इसलिए उन्हें फल की प्राप्ति कई बार नहीं मिल पाती, क्योंकि उनमें श्रद्धा और विश्वास की कमी होती है,

इसलिए जब मेरा ये अनुभव आप शेयर करे तब एक बात ज़रूर बोलियेगा की भक्ति के साथ श्री हनुमान जी पर विश्वास और श्रद्धा ज़रूर रखे और धीरज भी,

ये बात ठीक 5 साल पहले की है, मैं रात को अपने दोस्तों के साथ टहलने निकला हमने चाय पी और देर रात को घर लौटा और घर आकर सो गया,

दूसरे दिन सुबह पता नहीं क्या हुआ नींद में मेरी बॉडी में कुछ बैचेनी होने लगी और मैं सांस नहीं ले पा रहा था, मेरी हार्टबीट तेज हो गयी थी, सुबह 7 बजे की बात है मेरी सिस्टर मुझे तुरंत हॉस्पिटल ले गयी,

मुझे ऐसा लग रहा था की मैं जी नहीं पाउँगा, जैसे ही हम हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने मेरा चेकउप किया और वो बोले कि सब कुछ नार्मल है शायद गैस ऊपर चढ़ गयी होगी,

थोड़ी देर बाद मैं थोड़ा नार्मल हुआ, लेकिन पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि कुछ गड़बड़ है, फिर भी मैं पॉजिटिव हो के ये सब भूलने की कोशिश कर रहा था,

फिर उसी दिन शाम के समय जब मैं चलने निकला तो फिर से मेरी हार्टबीट तेज हो गयी, फिर 10 min के बाद सब नार्मल हो गया, उस वक़्त ये बात मैंने घर पर नहीं बताई,

जब उस दिन रात हुई तो पता नहीं ये रात नार्मल नहीं लग रही थी, कुछ अजीब सा मेरे अंदर होने लगता, अब ऐसा रोज़ होने लगा, मन में डर, बेचैनी, धीरे धीरे दिमाग ही सुन्न पड़ गया था,

मेरी बॉडी का वज़न भी कम होने लगा था, पूरा दिन घर पर ही रहता था, क्योंकि घर के बहार निकलता तो मेरी हार्टबीट तेज हो जाती, लगता था कही रास्ते पे मर न जाऊं, इससे अच्छा है घर पर ही रहूँ,

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Depressed Man

मैं आपको बता दू की उस समय मैं श्री हनुमानजी का भक्त नहीं था, बस शनिवार के दिन कभी कभार दर्शन कर लेता और कुछ नहीं, बस ऐसे ही दिन बीतते गए,

घरवालों को मैं हर रोज़ बोलता था की मुझे कुछ अजीब सा हो रहा है, वे लोग भी मेरी हालत देख कर बहुत परेशान थे, कभी मैं बोलता कि मेरा दिमाग सुन्न हो गया है, तो कभी कहता कि मेरे पेट में कुछ है, कभी चेस्ट में दर्द जैसा या कभी पैरों में दर्द,

रोज़ अलग अलग परेशानी से जूझता था, मैं बहुत डर गया था, बहुत परेशान था और पूरा नेगेटिविटी से भर गया था,

मेरे घरवालों ने मुझे 3-4 डॉक्टर्स को दिखाया, लेकिन सब नार्मल था, एक डॉक्टर ने तो ये तक कह दिया की ये नाटक कर रहा है तो दूसरे डॉक्टर ने कहा कि कोई प्यार व्यार का चक्कर है,

मैं आपको बता दूं कि मैंने एंडोस्कोपी, HIV एड्स जैसे सारे टेस्ट भी करवाए लेकिन सब नार्मल थे, लेकिन फिर भी मैं ठीक नहीं था, मेरा वज़न दिन ब दिन कम हो रहा था, कुछ समझ नहीं आ रहा था की मेरे साथ ये सब हो क्या रहा है,

एक दिन दोपहर के समय मैं सो रहा था और नींद में मुझ पर किसी ने बहुत बड़ा हाथ रख दिया, मैं आपको बता दूं कि वो हाथ कोई नार्मल हाथ नहीं था, मैं खड़ा नहीं हो पा रहा था फिर मैंने राम राम बोलना शुरू किया तो वह हाथ मुझ पर से हट गया,

मैं पूरा पसीने से भीग गया था, उस दिन मैं sure हो गया की ये कुछ बहुत ख़राब हो रहा है मेरे साथ, ऐसे ही गर्मियों में रात के समय में टेरेस पे सो रहा था और नींद में मुझे एक बूढी औरत दिखी उसने काले रंग की साड़ी पहनी थी और उसने मेरा गला खरोंचने की कोशिश की थी,

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हालात और बिगड़ते जा रहे थे, मेरे घरवाले मुझे 2-3 जगह लेकर गए जहां भूत प्रेत वगेरे निकालने का काम होता है, लेकिन फिर भी मैं ठीक नहीं हो पाया,

आप मानोगे नहीं की मेरे घरवाले अब सोच रहे थे कि इसके दिमाग में कुछ वहम घुस गया है, लेकिन मेरा मन ही जानता था कि मैं किस चीज़ से गुज़र रहा था, इसमें उन लोगो की कोई गलती नहीं थी क्योंकि वो भी थक चुके थे,

फिर मेरे पापा ने कहा कि इसको सारंगपुर ले चलते है और इसे श्री हनुमानजी को ही सौंप देते है, क्योंकि मेरे दादाजी को वहा एक बार ले गए थे उन्हें जीवन दान वही से मिला था,

कहते है की गुजरात के सारंगपुर स्थित श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी के सामने आते ही भूत प्रेत सब डर के भाग जाते है, फिर हमारा सारंगपुर जाना तय हुआ, मेरी बड़ी सिस्टर और मेरे पापा बस में मेरे साथ आये, Sarangpur Hanumanji Temple

रात को हम दाहोद वाली बस में बैठे थे, ताकि हम जल्दी सुबह पहुचकर मंगला आरती का लाभ ले सके, बस में भी जगह नहीं मिली हमें, बहुत परेशानी हुई और मैं तो क्या बताऊं आपको बहुत ही परेशान था, हम जैसे तैसे वहां पहुंच गए,

मैं आपको क्या बताऊं जयेशभाई आप विश्वास नहीं करोगे कि जैसे ही मैंने मंदिर के अंदर प्रवेश करने के बाद श्री हनुमानजी की मूर्ति को देखा तो मुझे ऐसा महसूस हुआ की मुझे पीछे से किसी ने धक्का दिया,

फिर मैंने वहां पूजा विधि में अपना नाम लिखाया और वहां के महाराज अपना फेस देखकर ही समझ जाते है की इसको कितने महीने की पूजा देनी है,

मुझे उन्होंने 90 दिन की पूजा दी और वो बुक में लिखा है की जैसे जैसे आप पूजा करोगे आपको थोड़ी तकलीफ का सामना करना पड़ेगा, लेकिन ये बुरी चीज निकालने की विधि है उससे डरते नहीं,

मैंने रेगुलरली सुबह शाम पूजा करना शुरू कर दिया, आप विश्वास नहीं करोगे की जो बुक में लिखा था वैसा ही मेरे साथ हो रहा था, कभी हार्टबीट तेज हो जाती और लगता की ये पूजा न करू या कभी डर भी लगता था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी,

आप विश्वास नहीं करोगे कि मुझे अब पहले से अच्छा होने लगा था, मेरी बजरंगबली के प्रति प्रेम और श्रद्धा भी बढ़ती जा रही थी,

मुझे मेरे प्रभु ने एक बार दर्शन भी दिए थे, मेरी पूजा के करीब 80 दिनों बाद मुझे ऐसा फील हुआ था, जो मूर्ति सामने रखी थी उसमे 1-2 सेकंड के लिए प्रकाश हुआ और ये देखकर प्रेम से मेरी आँखों से आंसू आ गए थे,

धीरे धीरे मैं बिलकुल ठीक हो गया,  मेरा वेट पहले 55 था और आज 72 है, में फिजिकली ही नहीं मेंटली भी फिट हो गया, मेरे अंदर बहुत सारे चेंज भी आये जो पहले नहीं थे,

आज मुझे जो जीवन दान मिला है वो सारंगपुर के श्री कष्टभंजन हनुमानजी की वजह से मिला है, आज मैं उनका सेवक हूँ भक्त हूँ, मैं हर रोज़ हनुमनस्त्रोतम और मरुतिस्त्रोतम का पाठ करता हूँ, ये मुझे मंदिर के महाराज ने ही पाठ करने को कहा था और 7 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करता हूँ,

सच में श्री हनुमानजी बहुत दयालु है, सारंगपुर धाम सच में बहुत ही पवित्र धाम है, जहाँ पैर रखते है एक अलग ही सकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर में आ जाती है,

आज मैं बहुत खुश हूँ कि भले की मुझे वो पीड़ा झेलनी पड़ी लेकिन बदले में मुझे मेरे हनुमानजी दादा मिल गए, इस पूरी कहानी में मेरी एक भी बात गलत नहीं है, मैं एक पढ़ा लिखा और बहुत ही प्रैक्टिकल इंसान हूँ, मैं अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली मानता हूँ की मैं श्री बजरंगबली का भक्त हूँ.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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