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इस महिला भक्त की पीड़ा के दर्द का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते

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Lord Hanumanji Story in Hindi

इस महिला भक्त की पीड़ा के दर्द का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते – हनुमानजी के चमत्कार से जुडी सच्ची घटना

मेरा नाम रंजना यादव है, मेरी उम्र 33 वर्ष है और मैं आपके चैनल से अप्रैल 2020 से जुडी हूँ, आज मैं आपसे मेरे साथ घटित हुआ श्री हनुमानजी से जुड़ा अनुभव शेयर करना चाहती हूँ, Hanumanji Story in Hindi

मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुआ था और मेरी शादी नेपाल में हुई है और अब मैं नेपाल में ही रहती हूँ,

जयेश भाई मेरी शादी मई 2010 में हुई थी, मैंने अंतरजातीय यानि (इंटरकास्ट) मैरिज की है और मेरा पहला बेटा अप्रैल 2011 को हुआ था जिसका नाम रमन है,

मैं एक हाउस वाइफ हूँ और मेरे पति प्राइवेट कंपनी में मैनेजर है, उनकी सैलरी से जैसे तैसे गुजारा चल जाता था, पर फिर भी हमारी ज़िन्दगी थोड़े में ही खुशी से कट रही थी,

जब हमारा बेटा 5 साल का हुआ तब हमें दूसरी संतान की इच्छा थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी हमारी दूसरी संतान की इच्छा पूरी नहीं हो रही थी, मैं प्रेग्नेंट होती पर दुर्भाग्यवश miscarriage हो जाता,

मगर हमने हार नहीं मानी क्योंकि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, मैं बचपन से ही भगवान पर बहुत विश्वास करती हूँ और हर सुबह नहा धोकर पूजा करती और आरती गाती,

फेब्रुअरी 2017 में मैं फिर से प्रेग्नेंट हुई, मैं और मेरे पति बहुत खुश थे, भगवान ने हमारी प्रार्थना सुन ली, दिन गुजरते गए, पर मेरी प्रेगनेंसी के पांचवे महीने में ही मेरे पेट में दर्द होना शुरू हो गया था, कुछ दिन आराम मिलता और फिर दर्द शुरू हो जाता,

मैं जैसे तैसे घर का काम करती, पति को ऑफिस भेजना, बच्चे को स्कूल भेजना, खाना बनाना, टिफ़िन तैयार करना, झाड़ू पोछा करना, काम ही के दौरान मेरी प्रेगनेंसी के सांतवे महीने में पेट में जो पानी की थैली होती है, जिसमें बच्चा सुरक्षित रहता है वो थैली अचानक फट गयी और सारा पानी बाहर निकल गया,

आप पढ़ रहे है: Hanumanji Story in Hindi / हनुमानजी के चमत्कार से जुडी सच्ची घटना

Pregnant Woman

मेरे पति ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और मुझे हॉस्पिटल ले गए, फिर डॉक्टरों को भी मज़बूरी में Premature डिलीवरी करनी पड़ी क्योंकि उनके पास भी कोई रास्ता नहीं था, हमें बताया गया कि लड़का हुआ है पर दुर्भाग्यवश मेरा बच्चा सिर्फ 3 दिन तक ही जीवित रहा और भगवान को प्यारा हो गया,

उसी बीच मेरे पति का अचानक एक्सीडेंट हो गया और उनका बायां हाथ बुरी तरह से टूट गया कि ऑपरेशन करके स्टील का रॉड प्लेट डलवाना पड़ा,

जयेश भाई मुझ पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा हो और उसी तनाव के दौरान मुझे थाइरोइड जैसी बीमारी भी हो गयी,

ये कह सकते है की अपना आस पास कोई नहीं था जो इलाज करवाने ले जाता मुझे क्योंकि मेरे पति के हाथ का ऑपरेशन भी हुआ था, क्योंकि जहाँ रहते है वहाँ से करीब 40 किलोमीटर दूर थाइरोइड का हॉस्पिटल है,

मैं बस रोती रहती और डरती थी, मुझे ऐसा लगता कि कोई साया मेरे आस पास घूम रहा है, अगर मैं बैठी रहती तो मुझे लगता कि कोई मेरे पीछे बैठा हुआ है, मैं इतनी डिप्रेशन में चली गयी थी की मेरा दिमाग काम करना ही बंद हो गया था,

मैं रात रात भर सोती नहीं थी, कभी कभी जी करता की कही घर छोड़ के चली जाऊ, मुझे सही से याद नहीं शायद अगस्त या सितम्बर का महीना होगा तभी से मैंने श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया,

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जयेश भाई तबियत के कारण मैं नियमित पूजा नहीं कर पा रही थी, पर मोबाइल में हमेशा सुनती रहती और हमेशा प्रभु का स्मरण करती रहती, तभी से जो डर था वो धीरे धीरे कम होने लगा और प्रभु पर विश्वास और बढ़ गया, मैं बस दिन रात मेरे प्रभु हनुमानजी का स्मरण करती रहती,

मेरे मन में प्रभु के लिए एक अटूट विश्वास बैठ गया था की “अब जो ये सब दुःख दर्द है वो मेरे प्रभु ही दूर करेंगे” और यही लोकल मेडिकल से ही दवा मंगवाकर खा लेती,

इसी दौरान एक दिन मैं रात के समय रोती रोती सो गयी तभी मैंने देखा कि जो हमारे घर के पास चौहराये पे शिवशक्ति मंदिर है, मैं वही पे बैठी हूँ,

उसी मंदिर के अंदर से श्री हनुमानजी एक हाथ में गदा और दूसरे हाथ में कमंडल जिसके अंदर जल भरा हुआ था लेकर मेरे पास आये और कमंडल का जल मुझपर छिड़कते हुए बोले की “मत रो जा तेरा दुःख अब दूर हुआ” ये कहकर चले गए,

फिर कुछ समय बाद मैं उत्तर प्रदेश में मोटे बाबा जी का मंदिर है हम वहां गए, उस मंदिर के साथ साथ माँ दुर्गा भवानी, श्री राम जानकी और श्री हनुमानजी का भी मंदिर है, जहाँ साल में एक बार अमावस के दिन मेला लगता है, मुझे बहुत ही श्रद्धा है वहाँ की, मैं उस मेले में अपने पति और बेटे के साथ गयी थी,

मिठाई, जल, फूल, अगरबत्ती, आदि चढ़ाकर मैं श्री हनुमानजी के मंदिर के सामने बैठी ही थी, तभी मेरी नज़र मंदिर के अंदर विराजमान श्री हनुमानजी की मूर्ति पर पड़ी, देखते ही देखते मेरी आँखों में आंसू आ गए,

मैंने मन ही मन श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया और प्रभु से कहा की “हे प्रभु एक आप ही है जो हमारे दुख दूर कर सकते है, हम पर कृपा बनाये रखे और मेरे परिवार की रक्षा करे”,

जयेश भाई आप विश्वास नहीं करोगे उसी दिन के बाद से ही धीरे धीरे प्रभु श्री हनुमनजी महाराज की कृपा से दुखों का पहाड़ हटने लगा, दुःख दूर होने लगे, हम कच्चे मकान में रहते थे फिर पक्का मकान बना, कार भी खरीद ली, सब कुछ सही होते जा रहा था,

फिर 2019 में मैं फिर से प्रेग्नेंट हुई और जनुअरी 2020 में बेटी यानी लक्ष्मी का जन्म हुआ और आज मेरी बेटी जिसे हम प्यार से गुड़िया कहते है वो 9 महीने की हो गयी है और बड़ा बेटा 10 साल का हो गया है और ये सब संभव हुआ हमारे बजरंगबली की कृपा से.

तो दोस्तों देखा आपने जीवन में चाहे कैसा भी घोर संकट क्यों न आ जाये, हिम्मत न हारे, श्री हनुमानजी की शरण में जाये, उन्हें सच्चे दिल प्रार्थना करे, अपनी तकलीफ उनसे कहे, उनपर अटूट विश्वास रखे, अच्छे कर्म करे, देखना वे आपकी सहायता ज़रूर करेंगे, तो ऐसे ही है हमारे बजरंगबली…


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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