Hanumanji Lockdown Chamatkar in Hindi

लॉकडाउन के वक़्त इस भक्त के साथ जो हुआ आप सोच भी नहीं सकते – हनुमानजी के चमत्कार की सच्ची कहानी

मेरा नाम संदीप कुमार दाश है और मेरी उम्र 35 साल है और मैं झारखण्ड के एक छोटे से जिले का रहने वाला हूँ I मैं आपके चैनल के माध्यम से सभी को श्री हनुमान जी की कृपा के बारे में बताना चाहता हूँ । Hanumanji Lockdown Chamatkar in Hindi

मैं आपको बता नहीं सकता जयेश भाई आपकी चैनल के माध्यम से मुझे मेरे मन में प्रभु श्री राम और उनके परम भक्त श्री हनुमान जी की भक्ति भाव कितना जागृत हुआ है और उसका बहुत बड़ा चमत्कारी लाभ मिला है I वैसे तो मुझे भगवान की भक्ति का शौक बचपन से ही था I पर आपकी चैनल के माध्यम से यह निरंतर अग्रसर हो रहा है I

मैं श्री हनुमान चालीसा का पाठ 18 या 19 साल की उम्र से करते आ रहूँ I श्री हनुमान जी मुझ पर और मेरे घर वालों पर हमेशा ही कृपा करते आये हैं I लेकिन कुछ समय पहले उनका बहुत बड़ा चमत्कार हुआ है मेरे और मेरे परिवार पर जो की मैं आप को बिना बताये नहीं रह सकता I

Hanumanji

मैं और मेरी पत्नी राजस्थान में रहते थे I हमारी नई नई शादी हुई थी I मैं वहां एक MNC कंपनी में मैनेजर के पोस्ट पे कार्यरत था I बात है मार्च 2020 महीने की I मेरी पत्नी का चौथा महीना चल रहा था I

उन दिनों मेरी सास भी आयी हुई थी सब कुछ सही चल रहा था I हमारे प्लान के मुताबिक 8th अप्रैल 2020 को मैं अपनी पत्नी और सास को घर पे छोड़ कर वापस अपने काम पे लौट आता यह हमने प्लान किया था I क्योंकि मेरी पत्नी को और मेरे सास को वहां ज्यादा लम्बे समय तक रहना पसंद नहीं था I

क्योंकि मेरी पत्नी को मायके और मेरी सास को अपने घर जाने का मन हो रहा था। यहाँ में बता दूँ की मेरी सास गांव से हमारे पास सिर्फ एक महीने के लिए आये थे लेकिन उनको चार महीने रुकना पड़ गया I

अचानक कोविद – 19 महामारी की वजह से पुरे देश मे लॉक डाउन हो गया और सब कुछ बंद हो गया। हमने जो ट्रैन टिकट करवाया था वो सब ऑटो कैंसिल हो गया। चारों तरफ भयानक स्थिति बन गयी थी। घर से निकलने में डर लगने लग गया था। पर राशन के लिए निकलना पड़ता था।

मन में हमेशा ख़ामोशी और डर सता रहा था। मुझे अपने से ज्यादा मेरी पत्नी के लिए डर लगता था I क्योंकि वो शुरुआत के महीनो से ही खाना बिलकुल कम खा रही थी I कुछ भी थोड़ा ज्यादा खाती तो उलटी हो जाती I लॉकडाउन की वजह से डॉक्टर से रेगुलर चेकउप भी नहीं करवा पा रहे थे I

मैं बहुत परेशान हो गया था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ I मैंने अपने आपको इतना असहाय कभी महसूस नहीं किया था I में हरदम सोचता था की पत्नी को घर छोड़ आऊं पर कैसे यह पता नहीं था I

तभी से मैं कुछ ज्यादा हनुमान जी की प्रार्थना करने लगा। रोज श्री हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकट मोचन हनुमानाष्टक पाठ नियमित रूप से करने लग गया और मेरे प्रभु मुझे मार्ग प्रदर्शित करने लगे।

अचनाक से कुछ स्पेशल ट्रैन चलाने का सरकार के तरफ से आदेश जारी हुआ था। अब मन में थोड़ी ख़ुशी और डर भी लगने लगा ख़ुशी इस बात से की अब घर जाना मुमकिन हो जायेगा और डर इस बात से की अगर हम लोग रास्ते में या ट्रैन में इन्फेक्टेड हो गए तो उसका परिणाम बहुत बुरा होगा।

क्योंकि मेरे परिवार में मेरे पापा जो की दमा के मरीज हैं I मेरी माँ जी की तबियत हमेशा खराब रहती है I मेरी चाची की भी तबियत हमेशा खराब रहती है।

फिर हमने 29 मई का टिकट बुक किया, टिकट बुकिंग भी इतनी आसानी से नहीं हो रहा था। मेने लगभग 3 से 4 दिन तक काफी कोशिश की पर टिकट बुक नहीं हो रहा था। अंत में जब मैंने प्रभु का ध्यान किया तो उसी रोज मेरा टिकट बुकिंग हो गया I

अब टिकट बुकिंग तो हो गया पर एक समस्या और आ गयी की सरकारी पास के बिना कहीं आना जाना नहीं कर सकते थे। अब मैं क्या करता कहाँ पास बनवाता कुछ सूझ नहीं रहा था, क्योंकि सरकारी ऑफिस में अफसर लोग दिन भर आउटसाइड ड्यूटी करते थे लॉकडाउन के समय।

फिर प्रभु की कृपा से एक आदमी जिन्हे मैं जानता तक नहीं था न तो कभी देखा था उन्होंने मुझे पास बना कर मेरे फ़ोन पे भेज दिया। यह सब प्रभु की कृपा थी और अब हम घर के लिए निकल गए मैं रास्ते में भी श्री हनुमान जी से यह प्रार्थना करता रहा की कोरोना वायरस हमारे साथ न जाये।

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घर आ के मैं और मेरी पत्नी अलग अलग कमरे मे 14 दिन तक घर पर सभी लोगों से अलग रहें I दिन बीतने लगे, कुछ दिन बाद मुझे मेरे ऑफिस से कॉल आया की कब ज्वाइन करोगे सभी ज्वाइन कर चुके है और तुमने 20 दिन की छुट्टी के लिए अप्लाई किया था उसके बाद कोई अतिरिक्त छुट्टी नहीं दी जाएगी।

इधर घर पे मेरे पापा (उनकी उम्र 71 साल) ने मुझे अभी नौकरी ज्वाइन करने के लिए सख्ती से मना कर रहे थे। मैं घर मे एकलौता हूँ I पापा का कहना था की अभी 4 से 5 महीने घर पर रहो, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तुम्हे जाना नहीं है।

मैं उनकी बात काट नहीं सकता था। मैं सोचने लगा करूँ तो क्या करुँ एक तरफ नौकरी दूसरे तरफ मेरे पापा का प्यार। मैंने किसी तरह अपने पापा को सिर्फ 2 महीने घर पे रहने के लिए मना लिया और 1st अगस्त से ज्वाइन करने के लिए बता दिया।

उधर मैंने ऑफिस वालों को भी अपनी मजबूरी बता दि और वादा किया की पहली अगस्त से ज्वाइन कर लूंगा और वह मान भी गए I Hanumanji Lockdown Chamatkar in Hindi

इन दो महीनों में यह सोच रहा था और मैंने प्रभु से प्रार्थना भी कि की काश मेरी नौकरी अपने घर के पास ही कहीं हो जाती तो कितना बढ़िया होता, मुझे इतना दुर झारखण्ड से राजस्थान नहीं जाना पड़ता और घर वालों का साथ मिल जाता I प्रभु ने मुझे मार्गदर्शन करवाया जिसका फल मुझे आगे मिला।

यहाँ मैं आपको बता दूँ की तब मेरी पत्नी का 8 वां महीना चल रहा था I पत्नी को लेके पहले से ही चिंता हो रही थी, अब मम्मी पापा की भी चिंता सताए जा रही थी क्योंकि हमारे घर के आस पास कोरोना के मरीज निकलने लगे थे।

मेरे पापा के एक बहुत ही खास मित्र या बड़े भाई कह सकते हैं उनको और उनके सभी घर वालों को कोरोना हो गया था और वे सभी हॉस्पिटल में इलाज करवा रहे थे I

ऐसे हालात में घर से जाने का मन तो नहीं कर रहा था। फिर घर के आस पास जिस जगह नौकरी की बात चल रही थी वहाँ थोड़ी बहुत उम्मीद जग रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे अक्टूबर महीने से वे जोइनिंग दे देंगे I

ऐसे में मुझे राजस्थान जा के कंपनी का सारा काम हैंड ओवर करना, मकान मालिक का सोसाइटी का सभी का हिसाब चूका के वापस आना था, यह सब सोच सोच के आखिर में मेने फैसला किया की में राजस्थान जाऊंगा और सबकुछ सेटल कर के वापस आऊंगा।

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मेने प्रभु से प्रार्थना कि की मेरा मार्गदर्शन करे और सच में जयेश भाई मेरे ससुराल वालों का मेरे पास कॉल आया और उन्होंने कहा की आप अपनी पत्नी की चिंता बिलकुल भी न करे हमलोग सब कुछ संभाल लेंगे, मेरा टेंशन थोड़ा सा कम हुआ और मैं दिल पे पत्थर रख के ट्रैन में बैठ गया, बस एक ही चीज का ध्यान और बिश्वास रहता था की प्रभु मेरे साथ कुछ भी अनहोनी नहीं होने देंगे I

मैं राजस्थान पहुँच गया और मैंने कंपनी भी ज्वाइन कर ली तभी मैंने सुना की मेरे पापा के जो दोस्त जो हॉस्पिटल में एडमिट थे उनका देहांत हो गया, अब मन मैं फिर से डर लगने लगा मेरे मम्मी पापा को लेके, क्योंकि मेरे घर में मेरे पापा ही सब कुछ हैं वो अगर सही है तो पूरा घर सही रहता है। Hanumanji Lockdown Chamatkar in Hindi

मेरे पापा दमा के मरीज हैं और काफी दयालु प्रवृति के हैं। किसी का भी दुःख वे देख नहीं सकते थे। उनके दोस्त के देहांत की खबर सुन के पापा बिलकुल टूट चूक थे, मैं बहुत परेशान रहने लगा एक तरफ मेरी पत्नी जिसे कभी भी हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ सकता है दूसरे तरफ मेरे पापा और तीसरा मैं जो की घर से काफी दूर था I

खुद को असहाय महसूस करने लगा और प्रभु का ध्यान करता गया। किसी तरह 4-5 दिन बीत गए I अब थोड़ी बहुत जिंदगी पटरी पर आने ही वाली थी की अचानक एक रात लगभग 11:30 बजे मेरे चचेरे भाई का फ़ोन आया की मेरे ताऊ जी (मेरे पिताजी के फुफेरे भाई) जिनका घर मेरे घर के पास ही था उनका हार्ट फेल हो गया I

खबर सुनते ही में तो बिलकुल हिल गया मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, मेरा दिमाग बिलकुल सुन्न हो गया था I मुझे सबसे ज्यादा डर लग रहा था की यह खबर मेरे पापा कैसे बर्दाश्त करेंगे I पापा को कैसे संभाले, कोन संभालेगा, कैसे संभालेगा, मैं घर से काफी दूर था बस यह सब ख्याल दिमाग में घूम रहा था I

मैं जोर जोर से रो रहा था I पापा हर शाम ताऊ जी के साथ इवनिंग वाक और मंदिर जाते थे I रोते रोते हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता रहा और श्री हनुमान चालीसा पढता रहा फिर मेरे चचेरे भाई ने मेरे पापा के पास जाकर यह खबर सुनाया, खबर सुनते ही पापा की हालत बहुत ख़राब हो गयी थी I

मैंने चचेरे भाई को फ़ोन लगाया भाई ने कहा ताऊ जी को संभालना मुश्किल हो रहा है, भैया लो आप ही कुछ समझाओ यह कह कर मेरे कजिन भाई ने फ़ोन मेरे पापा को दे दिया।

जैसे ही मैंने पापा से बात कि पता नहीं मैंने क्या बात कि लेकिन मुझसे बात करने के बाद मेरे पापा बिलकुल नार्मल हो गए थे, यह मुझे चचेरे भाई ने थोड़ी देर बाद कॉल करके बताया । यह मेरे हनुमान जी की ही कृपा थी जयेश भाई। मैंने हनुमान जी का शुक्रिया अदा किया।


इस घटना को 10 से 12 दिन ही हुए थे अब मेरी पत्नी को हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए एडमिट करना पड़ा। कोरोना की वजह से बहुत डर भी लग रहा था I बहुत सी हॉस्पिटल बंद हो गयी थी जो खुली थी उसमे कोरोना का भी इलाज चल रहा था I

जिस हॉस्पिटल मे मेरी पत्नी एडमिट थी उसी हॉस्पिटल के दूसरे वार्ड में कोरोना मरीजों का भी इलाज हो रहा था। पर श्री हनुमान जी की कृपा से सब कुछ ठीक रहा। मेरी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया, 2 दिन में ही मेरी पत्नी और बेटा सकुशल घर आ गए I Hanumanji Lockdown Chamatkar in Hindi

परेशानी तो बहुत आयी पर श्री हनुमान जी ने सब कुछ ठीक कर दिया, अब मैं राजस्थान से अपने घर वापस आ गया, ताजुब की बात यह भी है की मैंने इस कोरोना काल मे 4 बार राजस्थान – दिल्ली से अपने घर टाटानगर तक ट्रैन से आना जाना किया, काफी लोगों से मिला फिर भी मुझे छींक तक नहीं आयी, में बिलकुल स्वस्थ हूँ।

मुझे घर के पास ही नौकरी मिल गयी, कुछ दिनों बाद मैं ज्वाइन करूँगा। मेरे मम्मी पापा मेरे सारे रिस्तेदार प्रभु श्री हनुमान जी की कृपा से सब ठीक है।

अपने दर्शकों के लिए अंत मे एक बात जरूर कहूंगा अगर आपके पास समय नहीं है पूजा-पाठ के लिए तो कम से कम एक बार “जय श्री राम” सच्चे मन से ध्यान से जप लीजिये, प्रभु श्री हनुमान जी आपका बाल भी बांका नहीं होने देंगे।


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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