Home / Dharmik Story / मैं मूर्ख पापी प्रभु की कृपा को महसूस नहीं कर पाया

मैं मूर्ख पापी प्रभु की कृपा को महसूस नहीं कर पाया

bajrangbali ka real chamatkar in hindi
मैं मूर्ख पापी प्रभु की कृपा को महसूस नहीं कर पाया
Facebook
LinkedIn
WhatsApp

Bajrangbali ka Real Chamatkar in hindi

मैं मूर्ख पापी प्रभु की कृपा को महसूस नहीं कर पाया – हनुमान जी के चमत्कार की सच्ची घटना

मेरा नाम विभु प्रसाद है और मैं ओडिशा के पुरी जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ, जयेश भाई आपकी वीडियोस हनुमान जी के भक्तों के लिए एक उम्मीद की किरण है, आज मैं भी आपसे मैंने अनुभव की हुई हनुमान जी के चमत्कार से जुडी घटना शेयर करना चाहता हूँ, Bajrangbali ka Real Chamatkar in hindi

ये बात उस समय की है जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, मेरे घर के पास एक बरगद का पेड़ है, जहाँ मेरे दादा जी ने एक छोटी सी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी और मार्टियल आर्ट्स की प्रैक्टिस किया करते थे, उस समय से आज भी वो मूर्ति वहां पर है, जिसकी पूजा आज भी हमारा परिवार करता है,

मेरा जन्म होने से पहले ही मेरे दादाजी गुज़र गए थे, जब मैं 12 साल का था तब से उस मूर्ति की मैं पूजा करते आ रहा हूँ, तब से मैं हनुमान जी का एक छोटा सा भक्त हूँ,

29th अप्रैल 2021 को किसी काम से मैंने और मेरे पिताजी ने कोविड टेस्ट करवाया था और 3 मई को जब रिपोर्ट आया तो मेरे पिताजी का रिपोर्ट पॉजिटिव आया और मेरा नेगेटिव आया,

मेरे पिताजी का रिपोर्ट देखकर हम थोड़ा घबरा गए थे और डॉक्टर के कहने के मुताबिक़ उन्हें 14 दिन के लिए होम आइसोलेशन में रखा गया, मेरे पिताजी की उम्र 70 साल है और उन्हें उस वक़्त कोरोना के कोई भी सिम्पटम्स नहीं दिख रहे थे,

4th मई यानी मंगलवार को मेरे पिताजी को थोड़ी सर्दी और ज़ुकाम होना शुरू हो गया, तो हमने पिताजी को मेडिसिन लाकर दी और फिर अगले दिन से पिताजी की तबियत और बिगड़नी शुरू हो गयी, पिताजी को तेज़ भुखार, खासी और जोरो का सर दर्द होना शुरू हो गया,

फिर हमने डॉक्टर की सलाह लेकर उन्हें कोरोना की जो मेडिसिन थी वो भी दी, लेकिन पिताजी को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था कोई मेडिसिन काम नहीं कर रही थी, मेरे पिताजी वीकनेस के कारण ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे और सर दर्द के कारण वे रात को सो भी नहीं पाते थे,

आप पढ़ रहे है: Bajrangbali ka Real Chamatkar in hindi / बजरंगबली अद्भुत चमत्कार

गांव में हमारा छोटा सा घर है जहां मैं, मेरे पिताजी, मेरी माँ और मेरी बड़ी बहन हम 4 लोग साथ रहते है और हम साथ ही पिताजी की देख भाल करते थे, मास्क, सांइटिज़ेर और सोशल डिस्टन्सिंग मेन्टेन करते हुए भी पता नहीं कोरोना ने हमें भी नहीं छोड़ा, कोरोना की चपेट में मेरा पूरा परिवार आ गया,

पिताजी के आइसोलेशन में रहने के 4 दिन बाद मेरी माँ और मेरी बड़ी बहन को सिंप्टम्स दिखना शुरू हो गया और उसके बाद मुझे भी, हमने उस वक़्त टेस्ट नहीं करवाया और डॉक्टर के साथ कंसल्ट करके हम सब होम आइसोलेट हो गए और कुछ मेडिसिन लेने लगे,

धीरे-धीरे मेडिसिन लेने से और प्रॉपर केयर रखने से सब ठीक होने लगा बस हमें थोड़ी वीकनेस थी, लेकिन मेरे पिताजी का सर दर्द अभी तक ठीक नहीं हुआ था…वो दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा था, सिर दर्द इतना बढ़ चुका था की वे सुसाइड करने की बात करने लगे थे, Hanumanji ki sacchi kahani

जयेशभाई मैं आपका वीडियोस रेगुलरली देखता हूँ, आपकी वीडियोस देखने के बाद ही मुझे हनुमान चालीसा की महिमा के बारे में पता चला था, पहले मैं केवल पूजा करता था लेकिन कोई मंत्र या चालीसा पाठ नहीं करता था,

आपकी वीडियोस देखने के बाद ही मैंने पिछले एक साल में हनुमान चालीसा को कंठस्थ कर के रोज़ पूजा करते वक़्त पाठ भी करता हूँ, जब भी मैं कोई संकट में रहता हूँ तब मन में ही हनुमान चालीसा का पाठ कर लेता हूँ और प्रभु से प्रार्थना करता हूँ और मेरे संकट मोचन मेरे संकट हर लेते है,

इसलिए मैंने मेरे पिताजी का कष्ट देखकर हनुमान चालीसा पाठ करने का संकल्प लिया और पिताजी की अच्छी सेहत के लिए मैं हर रोज़ 7 बार हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa का पाठ करने लगा,

जब मैं हनुमान चालीसा का पाठ करता तो मुझे कोरोना की वजह से सर दर्द होता और सांस फूलने लगती, मैं ठीक से पाठ नहीं कर पा रहा था, मुझे कमजोरी के कारण चक्कर आने लगते और मैं रो-रोकर हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa का पाठ करता था, मेरी आँखों से लगातार आंसू बहते थे, इतना कष्ट मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था,

आप विश्वास नहीं करोगे जयेश भाई की मुझे हनुमान चालीसा का संकल्प लेकर 7 दिन भी नहीं हुए थे, की जो सर दर्द इतने सारे मेडिसिन्स खाने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था वो अचानक अपने आप ही ठीक हो गया, जिस दिन पिताजी का सर दर्द ठीक हुआ वो दिन मंगलवार था,

पढ़े: इस सच्ची घटना को एक सच्चा हनुमान भक्त ही समझ सकता है

उस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करते समय मेरी आँखों से ख़ुशी के आंसू आ रहे थे, ये सोचकर कि मेरे प्रभु ने मेरी पुकार सुन ली और मेरे पिताजी के कष्ट हर लिए, लेकिन समस्या अब भी खत्म नहीं हुई थी,

मैंने 7 दिन का संकल्प पूरा तो कर लिया लेकिन उसके 2 दिन बाद एक नयी मुसीबत आ गयी, अचानक मेरे पिताजी अपनी याददाश्त खोने लगे थे, वो हमें पहचान नहीं पा रहे थे, उन्होंने खाना पीना बंद कर दिया था और रात को वे सो भी नहीं पा रहे थे, रात को उठ कर कुछ भी बड़बड़ाने लगते और इधर-उधर भागने लगते थे,

पिताजी की ये हालत देखकर हम बहुत घबरा गए, उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए हम लोग इसलिए डरते थे की कोरोना में हॉस्पिटल्स के हालात देखकर उन्हें कुछ हो ना जाये,

वो इतना कमजोर हो गए थे की वो हमारे सहारे बिना एक जगह से उठ भी नहीं पा रहे थे, हम रात को सोते नहीं थे, हम पूरी रात उनके पास बैठे रहते कि वो कही चले ना जाये, मैं रात को रो-रोकर हनुमान जी का ही स्मरण करता रहता और अपने पिताजी की अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करता था,

मैंने फिर से 7 दिन तक हनुमान चालीसा पढ़ने का संकल्प लिया और पिताजी के लिए हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दिया, इस बार भी प्रभु ने हमारा साथ दिया और मेरे पिताजी को ठीक कर दिया, वो हमें पहचानने लगे और रात को ठीक से सोने लगे, बस मन में ये ही डर रहता कि पिताजी का ऑक्सीजन लेवल कम ना हो जाए और हमें हॉस्पिटल ना जाना पड़े, Bajrangbali ka Real Chamatkar in hindi

पर मेरे बजरंगबली ने ये मुसीबत नहीं आने दी, मेरे प्रभु ने मेरे संकट को हर लिया, पहले मुझे उनपर इतना विश्वास नहीं था, लेकिन वे इतने दयालु है कि वे हमेशा मेरे साथ रहकर मुझे सभी संकटों से बचाते रहे, लेकिन मैं मुर्ख पापी उनकी उपस्थिति को महसूस नहीं कर पाया,

अब इस घटना को एक महीने अधिक हो गया है और प्रभु की कृपा से मेरा पूरा परिवार अब ठीक है, इस घटना के बाद मेरा और मेरे परिवार का प्रभु के प्रति विश्वास और बढ़ गया है,

जयेश भाई हनुमान चालीसा में इतनी शक्ति है वो मैंने पहली बार महसूस किया है और वो भी आपकी वजह से, पहले मैं नॉन-वेज खाता था लेकिन इस घटना के बाद मैंने नॉन-वेज खाना छोड़ दिया और प्रभु की शरण में चला गया और मेरे जीवन का ये लक्ष्य है की मैं प्रभु का एक छोटासा सेवक बनकर देश की सेवा करूँगा.


Subscribe Secret Mysteries on YouTube

Bajrangbali ka Real Chamatkar in hindi, इस कहानी पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और यदि आपके साथ भी इस तरह का कोई चमत्कार हुआ है तो हमें dharmikstory@gmail.com पर लिखें, हम इस वेबसाइट पर आपकी कहानी प्रकाशित करेंगे.

Facebook
LinkedIn
WhatsApp

Related Post