Hanumanji ki Real Ghatna in Hindi
ये है हनुमान जी की भक्ति की शक्ति – मौत के मुंह से बचाया – अद्भुत सच्ची घटना
नमस्ते जयेश भाई, आपको और सीक्रेट मिस्ट्रीज के सारे दर्शकों को मेरा प्रणाम, मेरा नाम श्रेया राजपूत सिंघा है और और मैं वेस्ट बंगाल के एक छोटे से शहर बाँकुरा की रहनेवाली हूँ, आज मैं आपको हनुमान जी के चमत्कार की एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ, जिसे याद करके आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है, Hanumanji ki Real Ghatna in Hindi
अभी मैं 11th स्टैण्डर्ड में हूँ, बचपन से ही मैं बजरंगबली को अपना भाई मानती हूँ और हर साल उन्हें राखी अर्पित करती हूँ, जब मैं 9th क्लास में थी तभी से थोड़ी बहुत पूजा पाठ करती आ रही हूँ, हालांकि इतने विधि विधान से शायद नहीं करती हूँ, पर जो भी भक्ति करती हूँ दिल से करती हूँ, मैं बजरंगबली को उनका मनपसंद प्रसाद हर रोज चढ़ाती हूँ और हनुमान चालीसा, श्री राम भजन और गायत्री मंत्र का पाठ करती हूँ,
ये बात 2019 की है दुर्गा पूजा के कुछ ही दिनों बाद मैं अपने पेरेंट्स, मेरे दो मासा-मासी, नाना-नानी और कुछ कसिन्स के साथ बाँकुरा में एक फेमस जगह है मुकुट मणिपुर वहाँ हम सब घूमने गए थे,
पर उस दिन सुबह से ही न जाने मुझे ऐसा क्यों लग रहा था की आज शायद कुछ गलत होनेवाला है, मेरे नाना जी एस्ट्रोलॉजी में बहुत मानते है, तो उन्होंने भी कही पढ़ा था की आज का दिन शुभ नहीं है, हालांकि हमने उस बात पर ध्यान नहीं दिया और हम निकल गए, Hanumanji ki Real Ghatna in Hindi
मुझे आज भी याद है की घर से निकलते वक़्त मैं मासा जी के कार मैं बैठ गयी थी, पर अचानक पता नहीं मुझे क्या हुआ मैं घर वापस आ गयी और हनुमान जी के सामने मैंने माथा टेक के कहा, “हे बजरंगबलि आप सब सम्भाल लेना”और फिर मैंने हनुमान जी का तिलक लगा लिया और मुझे देखकर बाकिओ ने भी कहा तो उन्हें भी मैंने तिलक लगा दिया और हम जिन लोगो ने तिलक लगाया था वो सब एक कार में बैठ गए,
जैसे की मेरे मासा ड्राइव कर रहे थे और दूसरी कार में बाकी लोग ड्राइवर मामा के साथ आ रहे थे, हमने पूरा दिन बहुत एन्जॉय किया और जब वापस घर लौट रहे थे तब असली अनहोनी होने वाली थी जिसका मुझे डर था,
मुकुट मणिपुर एक पहाड़ी पर्यटक जगह है, तो पूरा दिन घूम फिर के हम सब बहुत थक गए थे, मेरे मासा जो हमारी गाड़ी ड्राइव कर रहे थे वो भी काफी थक गए थे और दूसरी कार में ड्राइवर मामा उतरे ही नहीं तो वो नहीं थके थे,
घर लौटते वक़्त हमारी कार में मासा, उनकी 7 साल की छोटी बच्ची यानी मेरी कजिन, मेरे पापा, मेरी नानी, मैं और मेरा एक कजिन था और जैसा की मैंने बताया था की हम सब ने बजरंगबली का तिलक लगाया था,
वापस आते समय हम सब थकान के कारण कार में बैठे-बैठे ही सो गए और अचानक जब आँख खुली तो मैंने देखा कि मासा जी जो ड्राइव कर रहे थे उनकी भी आँख लग गयी थी और गाडी पहाड़ी रास्ते के एकदम साइड से चल रही थी और नीचे गिरने ही वाली थी,
बाकी सब तो सो रहे थे, गाडी ने अपना बैलेंस खो दिया था, बस मैंने देखा पापा की आँखें खुली और उनके चेहरे पर मौत का डर साफ दिख रहा था, ये सब इतनी जल्दी हुआ की हमारा दिमाग सुन हो गया, पापा ने मुझे देखा लेकिन कुछ बोल ना पाये और कार रोड के बाहर खाई में चली गयी,
मैं बस आँखें बंद करके हनुमान जी का स्मरण करने लगी और प्रभु को याद करते-करते अचानक हमारी गाड़ी को जोर का झटका लगा और मैं बेहोश हो गयी और जब मेरी आँखें खुली तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी और ये सब कुछ ही पलों में हुआ, Hanumanji ki Real Ghatna in Hindi
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कुछ मिनटों के लिए तो मेरे पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे और बस मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे, जब तक मैं कुछ समझ पाती मेरे बड़े मासा और रेस्क्यू टीम स्पॉट पे आ चुके थे, तब धीरे-धीरे पापा और कार में बैठे बाकी सबको भी होश आया और वो सब भी मेरी ही तरह सुन हो गए थे,
जब तक मैं ठीक से कुछ समझ पाती की स्पॉट पर लोगो की भीड़ बढ़ने लगी और मीडिया वाले भी पहुंच गए थे और ठीक से होश आने के बाद हम समझ पाये कि हमारी कार पहाड़ से नीचे गिर चुकी थी और नीचे कीचड़ में फंस के रुकी थी, मुझे तब समझ आया की कार को झटका क्यों लगा था, हम क़रीब 20 फ़ीट ऊपर से नीचे गिरे थे जहाँ से बच पाना असंभव था,
वहां मौजूद सारे लोग, मीडिया रिपोर्टर, यहाँ तक की रेस्क्यू टीम ने भी यही बोले की हम लोग तो ये सोचकर ही चौक गए थे की आप लोग बच कैसे गए? और जयेश भाई आपको बता दूँ की हम सिर्फ जिंदा बचे ही नहीं थे बल्कि सब के सब एकदम सही सलामत थे, किसीको एक खरोंच तक नहीं आयी थी और हमारी कार को भी ज्यादा नुक्सान नहीं हुआ था, जिसे देखकर सब लोगों के होश उड़ गए थे, Hanumanji ki Real Ghatna in Hindi
हम भी खुद सोच रहे थे की हम बच कैसे गए? ऊपर खड़ी हमारी आधी फॅमिली ने तो रो-रोकर अपना बुरा हाल कर दिया था, उन्होंने तो ये कह दिया था कि निश्चित तौर पर हम लोगो की मौत हो चुकी होगी, रेस्क्यू टीम ने भी यही कहा था की डेड बॉडी के अलावा शायद और कुछ ना मिले, पर फिर भी हम बच गए,
हमारा ये एक्सीडेंट न्यूज़पेपर और टीवी में भी आया था और एक बात मैंने वहाँ एक चीज़ नोटिस की थी की ड्राइविंग सीट के सामने मेरे मासा जी ने एक छोटी किताब रखी थी जिसके एक-एक पेज पर अलग-अलग भगवान् की तस्वीर थी, लेकिन जब हम सब होश में आये तो वो किताब सामने खुली थी और वही पन्ना खुला था जहां हनुमान जी की तस्वीर थी,
सच में प्रभु की कृपा से हमारी जान बच गयी, उस दिन के बाद मेरे सामने ये क्लियर हो गया था कि जो भक्त सच्चे दिल से हनुमान जी की भक्ति करता है उनका कोई भी, कुछ भी या कभी भी बाल बांका नहीं कर सकता,
उस दिन के बाद थोड़े समय के लिए मेरे मासा जो ड्राइव कर रहे थे वो डिप्रेशन में चले गए थे, लेकिन प्रभु की कृपा से धीरे-धीरे सब ठीक हो गया, हम सब की लाइफ अच्छी चल रही है, पर आज भी हम में से कोई भी वो एक्सीडेंट को भुला नहीं पाया है, बस यही प्रार्थना करती हूँ की मुझ पे, मेरी फॅमिली पे और आप सभी भक्तों पे हनुमान जी की कृपा ऐसे ही बनी रहे. Hanumanji ki Real Ghatna in Hindi
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