इन 5 कारणों से नहीं मिलता श्री हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ

Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi इन 5 कारणों से नहीं मिलता आपको श्री हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ – Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi दोस्तों जैसे की हम सभी जानते है की श्री हनुमानजी इस कलयुग के सबसे जाग्रत देव है और आज भी वे इस पृथ्वी पर सशरीर अपने भक्तों के कल्याण के लिए विचरण कर रहे है। क्योंकि उन्हें अजर अमर रहने का वरदान मिला है। Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi हमारे देश में सबसे ज़्यादा मंदिर श्री हनुमानजी के ही है। यहाँ तक की प्रभु श्री राम जी के मंदिरों से ज़्यादा श्री हनुमानजी के मंदिर है। ऐसा कोई गांव या शहर नहीं जहाँ हमारे बजरंगबली का मंदिर ना हो। श्री हनुमानजी के भक्तों की संख्या भी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। श्री हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित और किया जाने वाला पाठ है श्री हनुमान चालीसा। श्री हनुमान चालीसा एक ऐसी कृति है। जो श्री हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बोध कराती है। इसके पाठ और मनन करने से बल बुद्धि जागृत होती है। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति खुद अपनी शक्ति, भक्ति और कर्तव्यों का आंकलन कर सकता है। लेकिन कई भक्तों को उनकी निरंतर आराधना के बाद भी लाभ नहीं होता, वे नित्य श्री हनुमान चालीसा का पाठ तो करते है पर उन्हें प्रभु की कृपा प्राप्त नहीं होती। ऐसा क्यों होता है? ऐसी कौनसी गलती हो रही है आपसे जिससे आपको श्री हनुमान चालीसा का फल नहीं मिल रहा? दोस्तों आज मैं 5 सबसे बड़े कारण के बारे में बात करूँगा जिसकी वजह से आपको श्री हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ नहीं होता या कहे तो प्रभु की कृपा आप पर नहीं होती, तो ध्यान से हर एक पॉइंट ज़रूर देखिएगा ताकि आप एक भी पॉइंट मिस न करे। आप पढ़ रहे है: Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi 1) प्रभु से एक चित्त होना: दोस्तों कई लोगो की एक आदत होती है की पूजा या ईश्वर का ध्यान करते समय वे दूसरे विचारों में खोए रहते है, कोई अपने बिज़नेस के बारे में सोचता है तो कोई अपने रिलेशनशिप के बारे में या ऐसा कहें तो लोग अपने अपने टेंशन में ही खोए रहते है, वे बस सिर्फ फॉर्मेलिटी के लिए जाप करने बैठते है। अब आप ही कहे अगर हम प्रभु से एक चित्त नहीं होते, हमारी भक्ति में ही दृढ़ता नहीं है, हम सच्चे दिल से भक्ति नहीं करते तो भला प्रभु अपनी कृपा हम पर क्यों करेंगे। दोस्तों मैं समझ सकता हूँ की हम अपने विचारों को बंद नहीं कर सकते, लेकिन ध्यान या मैडिटेशन करके हम अपने विचारों पर कंट्रोल कर सकते है और एक जगह केंद्रित कर सकते है। इसलिए सिर्फ श्री हनुमानजी ही नहीं किसी भी देवी देवता का कोई भी पाठ क्यों न करे, अपने मन को प्रभु के प्रति समर्पित करे, आप जो भी पाठ करें उसका महत्व समझे, सच्चे दिल से पाठ करे फिर देखना प्रभु की कृपा आप पर ज़रूर होगी। 2) स्वार्थ की भक्ति: दोस्तों हर इंसान दुःख के समय में प्रभु की शरण में जाता है, इसका मतलब ये नहीं कि उसकी भक्ति में स्वार्थ छुपा है, यही पर लोग कन्फ्यूज्ड हो जाते है, क्योंकि दुःख के समय हर कोई ईश्वर से कुछ न कुछ माँगता ज़रूर है। उदहारण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति दुःख और तकलीफ के समय प्रभु की शरण में जाता है सच्ची भक्ति करता है, अपने आप को उनके लिए समर्पित भी करता है और प्रभु उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी सारी तकलीफ दूर भी करते है। Shri Hanuman Chalisa Niyam in Hindi लेकिन सब कुछ अच्छा होने के बाद अगर वो व्यक्ति प्रभु से दूर हो जाता है, पूजा पाठ और सच्चे मन वालि भक्ति ही बंद कर देता है, तब जाकर आप कह सकते है उसकी भक्ति में स्वार्थ छुपा था। इसलिए कहता हूँ दुःख के समय तो हर कोई ईश्वर को याद करता है लेकिन सुख में भी जो प्रभु के निकट रहे और उनके लिए समर्पित रहे उसे निस्वार्थ भक्ति कहते है। पढ़े: श्री हनुमान चालीसा के पाठ का 21 दिन का संकल्प कैसे ले? 3) बुरे कर्म: दोस्तों सच्ची भक्ति के साथ साथ अच्छे कर्म भी करे, क्योंकि कई लोग ईश्वर भक्ति तो करते है लेकिन उनके बुरे कर्मो के कारण उन्हें उनकी भक्ति का फल नहीं मिलता। आप ही सोचिये एक तरफ आप मन्दिर में बैठकर या घर पर पूजा पाठ कर रहे हो और दूसरी तरफ आप जान बूझकर कोई पाप कर रहे हो जैसे कि किसी निर्दोष को तकलीफ पहुंचना, किसी का धन हड़प लेना, किसी को बुरे कर्म करने के लिए प्रेरित करना, किसी स्त्री पर बुरी नज़र रखना, व्यसन करना, आदि। फिर आप कैसे उम्मीद कर सकते है की ईश्वर आपकी प्रार्थना सुनेंगे, एक बात ज़रूर याद रखना “ईश्वर ना दंड देता है ना माफ़ करता है, कर्म का फल हमारे सुख दुःख का कारण बनता है।” 4) संकल्प पूरा न करना: दोस्तों जब हम तकलीफ में होते है तो उस तकलीफ से बाहर आने के लिए हम हर एक प्रयास करते है, पूजा पाठ हो या व्रत रखना, मन्नत हो या संकल्प, वो समय ही ऐसा होता है की हम सब कुछ करते है। लेकिन ऐसे भी कुछ लोग होते है जिनमें या तो धीरज की कमी होती है या तो प्रभु के प्रति अटूट विश्वास की कमी, या फिर उनका मन कहीं भटक जाता है या फिर आलस्य के कारण, जिसकी वजह से वे प्रभु के सामने किया संकल्प भूल जाते है या अधूरा छोड़ देते है। Hanuman Chalisa Rules ऐसा बिलकुल भी न करे अपने संकल्प को पूरा करे, हाँ अगर घर में सूतक हो या फिर महिला भक्तों को मासिक धर्म की समस्या हो तो वे सूतक खत्म होने के बाद अपना संकल्प जारी करके पूर्ण कर सकते है। 5) नियमों का पालन न करना: दोस्तों कई लोगो की एक सबसे बड़ी प्रॉब्लम है कि वे कभी भी हमारे शास्त्र में बताए गए प्रभु भक्ति से जुड़े नियमों का पालन नहीं करते। वे बस अपने ही कम्फर्ट जोन में
इन स्थिति में न करे श्री हनुमानजी की पूजा

Hanumanji Pooja Niyam in Hindi इन स्थिति में न करे श्री हनुमानजी की पूजा दोस्तों श्री हनुमानजी को अजर अमर रहने का वरदान प्राप्त हुआ था। इसीलिए वे आज भी सशरीर इस पृथ्वी पर अपने भक्तों की सहायता के लिए विचरण कर रहे है। Hanumanji Pooja Niyam श्री हनुमानजी की भक्ति जितनी सरल है उतनी कठिन भी। सरल इस लिए है क्योंकि मात्र सच्चे दिल से उन्हें पुकारने से वे आपकी ज़रूर सुनते है और कठिन इसलिए कि कई लोग श्री हनुमानजी की भक्ति करते समय नियमों का पालन नहीं करते। इसीलिए कई लोगो के दिमाग में प्रश्न आता है की वे भक्ति तो करते है लेकिन उन्हें फल क्यों नहीं मिल रहा और इसी कारण वे अपना धीरज खो देते है और प्रभु भक्ति करना ही छोड़ देते है। तो आज हम जानेंगे की किन किन स्थितयो में हमें श्री हनुमानजी की भक्ति का फल नहीं मिलता। 1 – मांस मदिरा छोड़ो मानवीय आहार शाकाहार। दोस्तों आप ही सोचिये कि किसी निर्दोष जीव को मार कर खाने से या मदिरा पान करने से ऐसा कौन सा पुण्य का काम कर रहे है आप। भला श्री हनुमानजी आप पर कृपा क्यों करेंगे। बल्कि इससे आप पाप के भागीदार बन रहे है। अगर आपको श्री हनुमान जी की कृपा पानी है तो ये सब छोड़ कर प्रभु की शरण में जाये, उनसे क्षमा मांगे, सच्ची भक्ति करे वे आपकी सहायता ज़रूर करेंगे। 2 – अच्छे विचार प्रभु की कृपा पाने के लिए मन में अच्छे विचार लाये, बुरे या गंदे विचारों के साथ भक्ति करने का फल आपको कभी नहीं मिलता, मन में शुद्ध विचार लाएं। शुद्ध विचार लाने के लिए प्रभु का सत्संग करे, हमारे हिन्दू धर्म के महान धर्म ग्रन्थ पढ़े, प्रेरणादायक कहानियां पढ़े धीरे धीरे बुरे विचार आपके दिमाग से चले जायेंगे। फिर देखना श्री हनुमानजी की कृपा आप पर अवश्य होगी। 3 – ब्रह्मचर्य का पालन सांसारिक लोगों के लिए ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना कठिन होता है। लेकिन जब आप कोई संकल्प लेते है, उपवास या व्रत रखते है तब आप ब्रम्हचर्य का पालन ज़रूर करे। अगर ब्रह्मचर्य का पालन करना आपके लिए कठिन है तो आप ध्यान या मेडिटेशन करें। उससे आपका दिमाग एक जगह केन्द्रित होगा और संभोग क्रिया की तरफ आपका ध्यान नहीं भटकेगा। पढ़े: बजरंगबली की भक्ति से इन 5 बाधाओं से बचा जा सकता है 4 – किसी को दुखी न करे कई लोगो की आदत होती है कि वे अपने स्वार्थ के लिए किसी निर्दोष को दुखी करते है। या किसी की मज़बूरी का फायदा उठाते है। एक तरफ आप अच्छी भक्ति करते है और दूसरी तरफ किसी को दुःख पहुंचाते है तो इससे प्रभु कभी आप पर प्रसन्न नहीं होंगे। अच्छे कर्म करे, किसी की बिना कोई स्वार्थ मदद करे और मदद न करो तो कम से कम किसी व्यक्ति को अपने स्वार्थ के लिए दुखी न करे। 5 – सूतक के समय न करें पूजा दोस्तों अगर दुर्भाग्यवश आपके घर परिवार में किसी का देहांत हो जाता है तो 12-14 दिन सूतक के होते है उस दौरान भगवान की पूजा नहीं। अगर करते भी है तो वो भगवान तक नहीं पहुँचती। अगर चाहे तो मन में प्रभु का स्मरण कर सकते है और ख़ास कर जब कोई घर की महिला को मासिक धर्म की समस्या होती है तो भी घर में पूजा पाठ ना करे। Subscribe Secret Mysteries on YouTube Hanumanji Pooja Niyam in Hindi, इस पोस्ट पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और इस पोस्ट को शेयर करना ना भूले। धन्यवाद 🙂 जयेश वाघेला
बजरंगबली की भक्ति से इन 5 बाधाओं से बचा जा सकता है

Shri Hanumanji Pooja Vidhi बजरंगबली की भक्ति से इन 5 बाधाओं से बचा जा सकता है सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥ अर्थात: हे महावीर, जो कोई भी आपकी शरण में आता है। उसे अनंत सुख की प्राप्ति होती है और जिसके रक्षक आप है तो उसे किसका डर नहीं रहता। Shri Hanumanji Pooja Vidhi हमारे हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है श्री रामभक्त हनुमानजी। जोकि इस कलयुग के सबसे शक्तिशाली और जाग्रत देव है। जो अपने भक्तों के हर संकट को दूर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते है। जिस भी भक्त पर श्री हनुमानजी की कृपा होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं सकता। यहाँ तक कि मंगल और शनि के बुरे प्रभाव से भी बचा जा सकता है। श्री हनुमानजी बहुत ही दयालु और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता है। इस कलयुग में श्री हनुमानजी की भक्ति अति आवश्यक है। कई लोग बाबाओं और तांत्रिकों के चक्कर में फंस जाते है और भटकते रहते है। क्योंकि वे श्री हनुमानजी की भक्ति की शक्ति को नहीं पहचानते। तो आईये जानते है श्री हनुमानजी की भक्ति की शक्ति से हम किन 5 बाधाओं से बच सकते है। आप पढ़ रहे है: Shri Hanumanji Pooja Vidhi ke Upay 1 – भूत प्रेत से रक्षा भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥ अर्थात: जहाँ कही भी महावीर हनुमानजी का नाम सुनाया जाता है, वहा भूत, प्रेत, पिशाच और रात्रि में घूमने वाली दुष्ट आत्माओ की पास फटकने की भी औकात नहीं होती। जिस इंसान को भूत पिशाच या नकारात्मक शक्तियों से डर लगता है। उसे नित्य श्री हनुमानजी के नाम का स्मरण करना चाहिए। कुछ ही समय में आप भयमुक्त हो जायेंगे। भूत-प्रेत जैसी ऊपरी बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए श्री हनुमान चालीसा के साथ साथ बजरंग बाण का भी पाठ करना चाहिए और हर मंगलवार और शनिवार को श्री हनुमान मंदिर जाकर श्री हनुमानजी को तेल सिन्दूर अर्पित करे। पढ़े: हर संकट से बचाएगा ये शक्तीशाली हनुमान मंत्र फैक्ट्री या व्यवसाय के स्थान पर भूत पिशाच का साया न पड़े इसलिए इन स्थानों पर श्री हनुमानजी का लाल रंग का ध्वज यानि झंडा लगाए। अगर आपका घर किसी शमशान या खंडहर के पास स्थित है तो घर की छत पर श्री हनुमान ध्वज ज़रूर लगाए। अगर आप अंधेरे से डरते है या भूत प्रेत आत्माओं से डर लगता है तो रात को सोने से पहले हाथ पैर मुँह धोकर पूर्व दिशा की ओर आसन पर बैठकर “ॐ हं हनुमंते नम:” मंत्र का 108 बार जाप करके सो जाये। धीरे धीरे आप में से वो डर दूर हो जायेगा। 2 – ग्रह बाधा जिन लोगों पर शनि, मंगल या अन्य किसी ग्रह की बाधा है या फिर साढ़े साती या अढ़ैय्या की महादशा चल रही है तो आपको जरा भी घबराने की ज़रूरत नहीं है। जिन लोगो पर श्री बजरंगबली की कृपा होती है उनका शनि या यमराज बाल भी बांका नहीं कर सकते। हर मंगलवार और शनिवार को श्री हनुमान मंदिर जाये श्री हनुमान चालीसा के साथ सुंदरकांड का पाठ करे श्री हनुमानजी के साथ साथ शनिदेव भी आप पर मेहरबान हो जायेंगे। हर शनिवार को श्री हनुमानजी के मंदिर जाकर आटे के दिये की माला का उपाय कर सकते है। 3 – सारे रोग दूर होते है नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥ अर्थात: हे वीर हनुमान, आपका निरंतर स्मरण करने से सारे रोग शोक पीड़ा मिट जाते है। यदि आप किसी रोग या पीड़ा से दुखी है तो श्री हनुमान बाहुक का पाठ ज़रूर करे। श्री हनुमान बाहुक का पाठ करने से कई शारीरिक पीड़ा से छुटकारा पाया जा सकता है। जल का पात्र सामने रख कर श्री हनुमान बाहुक का पाठ 21 या 26 दिन तक मुहूर्त देखकर करे। हर रोज़ उस जल को पीकर दूसरा जल रख दे। श्री हनुमानजी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से छुटकारा मिल जायेगा। 4 – दुर्घटना से बचना दुर्घटना का होना बहुत ही दुखदायक होता है। घटना दुर्घटना को शनि और राहु केतु अंजाम देते है। जैसे एक्सीडेंट हो जाना या कही आग लग जाना या फिर अचानक कोई मुसीबत का आ जाना। श्री हनुमानजी की भक्ति से सभी तरह की घटना दुर्घटना से बचा जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले तो अपने आप को श्री हनुमानजी की भक्ति के लिए समर्पित कर दे। प्रति दिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दे और हर मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ ज़रूर करे। शाबर मंत्रो का जाप भी कर सकते है। 5 – तनाव और चिंता बहुत से लोगो को अनावश्यक भय सताता रहता है। जिसके कारण वे हमेशा तनाव में रहने लगते है। उन्हें तनाव में रहने की आदत पड़ जाती है और तनाव और चिंता के कारण वे कई तरह के रोगों से घिर जाते है। ऐसे में मन ही मन श्री हनुमानजी का स्मरण करके “ॐ हनुमंते नम:” का जप करते रहना चाहिए। हर रोज़ सुबह नित्यकर्म से निपटने के बाद और रात को सोने से पहले हाथ पैर और मुँह धोकर आसन पर बैठकर 108 बार इस मंत्र जाप करे, धीरे धीरे भय, चिंता, टेंशन, डिप्रेशन दूर हो जायेंगे। तो आज से ही दिए गए उपाय करना शुरू करे ताकि श्री हनुमानजी की कृपा से आप इन 5 बाधाओं से बच सके। Subscribe Secret Mysteries on YouTube Hanumanji Pooja Vidhi in Hindi, इस पोस्ट पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और इस पोस्ट को शेयर करना ना भूले। धन्यवाद 🙂 जयेश वाघेला
श्री हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय

Shri Hanuman Chalisa Upay श्री हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय दोस्तों जैसे कि हमें पता है की इस घोर कलयुग के बुरे प्रभाव से बचने के लिए लोग श्री हनुमान जी की भक्ति करते है। क्योंकि उन्हें विश्वास है की श्री हनुमान जी उनके सारे कष्ट हर लेंगे और उनकी हर मनोकामना पूरी करेंगे। Shri Hanuman Chalisa Upay क्योंकि श्री हनुमान जी को अजर अमर रहने का वरदान मिला है और आज भी जहां कही भी राम कथा होती है या राम नाम लिया जाता है वहाँ हमारे बजरंगबली किसी न किसी रूप में उपस्थित ज़रूर होते है। वैसे तो श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तो कई पाठ और मंत्र है। लेकिन इस पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा किया जाने वाला पाठ श्री हनुमान चालीसा है। लेकिन ज़्यादातर लोगो को श्री हनुमान चालीसा का पाठ कैसे किया जाये ये नहीं मालूम होता। इसीलिए मनोवांछित फल की प्राप्ति नहीं हो पाती और वे धीरज खोकर पाठ करना ही बंद कर देते है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ करने से बल, बुद्धि, विद्या, स्वस्थ, बुरी शक्तियों से रक्षा आदि जैसे अनेकों लाभ प्राप्त होते है। क्योंकि हर मर्ज़ की एक ही दवा है श्री हनुमान चालीसा। वैसे तो कई तरीके है श्री हनुमान चालीसा के पाठ करने के जैसे की आप 21 दिन का संकल्प ले सकते है या 100 बार पाठ करने का भी संकल्प ले सकते है। लेकिन आज मैं भक्तों के लिए श्री हनुमानजी को प्रसन्न करने का एक ऐसा उपाय लाया हूँ जो आप आसानी से हर रोज़ कर सकते है। कैसे करे ये उपाय? – इस उपाय में आप दिन में दो बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते है। – एक बार सुबह नहाने के बाद और नाश्ता करने से पहले और दूसरी बार रात को आप अपने काम से जितने भी बजे आये हाथ पैर मुँह धोकर पाठ कर सकते है। – पाठ करने से पहले आसन बिछाकर पूर्वाभिमुख होकर आसन पर बैठ जाये और दोनों समय दिया ज़रूर जलाये। आप चमेली के तेल या घी का दीपक जला सकते है। – पाठ करते समय प्रभु का ध्यान करके सही उच्चारण के साथ श्री हनुमान चालीसा का पाठ करे। – दिन में दो बार श्री हनुमान चालीसा के पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। पढ़े: सुंदरकांड की इस चमत्कारी स्तुति से शनि भी हो जाएंगे मेहरबान – श्री हनुमान चालीसा के बाद आप श्री हनुमान जी का मूल मंत्र जोकि है “हं हनुमंते नमः” का जाप करना फलदायी माना गया है। – ख़ास कर मंगलवार या शनिवार के दिन आप श्री हनुमान चालीसा के साथ साथ संकट मोचन हनुमानाष्टक, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि जैसे पाठ भी कर सकते। – श्री हनुमान चालीसा में इतनी ताकत है जिसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते। तो आज से ही श्री हनुमान चालीसा का दिन में 2 बार पाठ करना शुरू कर दीजिये श्री हनुमानजी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहेगी। Subscribe Secret Mysteries on YouTube Shri Hanuman Chalisa Upay in Hindi, इस पोस्ट पर आप अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और इस पोस्ट को शेयर करना ना भूले। धन्यवाद 🙂 जयेश वाघेला
सुंदरकांड की इस चमत्कारी स्तुति से शनि भी हो जाएंगे मेहरबान

सुंदरकांड की इस चमत्कारी स्तुति से शनि भी हो जाएंगे मेहरबान श्री हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने लिए उनके भक्त अलग अलग तरीके अपनाते है। कोई श्री हनुमान चालीसा पढ़ता है तो कोई बजरंग बाण, कोई हनुमानअष्टक पढता है तो कोई मंत्रो का जाप करता है, वैसा ही एक पाठ है सुंदरकांड। Sunderkand Path in Hindi मंगलवार को श्री हनुमान जी का वार माना जाता है। क्योंकि श्री हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। इसीलिए मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी की पूजा पाठ करने का विशेष महत्व है। मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। अगर कोई भक्त इस दिन श्रद्धापूर्वक सुंदरकांड का पाठ करता है उसके सारे मनोरथ पूर्ण होते है। गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ ज़्यादा तर सुभ कार्यो की शुरुवात पे किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति जीवन में परेशान हो, आत्मविश्वास की कमी हो और केवल असफलता का ही सामना करना पड़ रहा हो या और कोई समस्या हो तो सुंदरकांड के पाठ से शुभ फल की प्राप्ति होती है। संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्री राम के पुरुषार्थ और गुणों को दर्शाती है। सुंदरकांड एक मात्र ऐसा अध्याय है जो श्री हनुमान जी की विजय का है। ये एक भक्त की जीत का कांड है। जिसका पाठ करने से बजरंगबलि शीघ्र प्रसन्न होते है और आपकी हर मनोकामना पूर्ण करते है। सुंदरकांड पाठ करने से हमारे ग्रहो के कई दोषो से बचा जा सकता है जैसे की साढ़े साती, मंगल दोष, राहु केतु, पनौती, पितृ दोष, आदि। यहाँ तक कि शनिदेव के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। सुंदरकांड का पाठ करने से शनिदेव भी होते है मेहेरबान। पढ़े: बजरंग बाण का पाठ कब और कैसे करे? Bajrang Baan वैसे तो पूरे सुंदरकांड के पाठ को विधिवत और सही तरीके से करने के लिए 2-3 घंटो का समय लगता है। अगर आप के पास समय की पाबंदी हो तो आप हर रोज 11 चौपाइयों का पाठ कर सकते है। पाठ करते समय शांति से और पूर्ण ध्यान के साथ यह पाठ करे। Sunderkand Path Stuti अगर इन 11 चौपाइयों का भी पाठ न हो पाये तो आप इस चमत्कारी स्तुति का भी पाठ कर सकते है जिससे श्री हनुमानजी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी, जो की है: अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं। दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ सुंदरकांड के पाठ से भक्त को मानसिक शक्ति प्राप्त होती है। किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए भक्त को आत्मविश्वास मिलता है। सुंदरकांड आत्मविश्वास के साथ इच्छा शक्ति बढ़ाने वाला कांड है। सुंदरकांड का पाठ करने से श्री हनुमान जी के साथ साथ प्रभु श्री राम की भी कृपा प्राप्त होती है। Subscribe Secret Mysteries on YouTube Sunderkand Path in Hindi, इस पोस्ट पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं इस पोस्ट पर आप अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और इस पोस्ट को शेयर करना ना भूले. धन्यवाद 🙂 जयेश वाघेला