ऊपरी हवा का चक्कर | बीकानेर राजस्थान की दिल दहला देने वाली सच्ची घटना | हनुमानजी का अद्भुत चमत्कार
मेरा नाम हेमेन्द्र है मेरी उम्र 28 साल की है और में बीकानेर राजस्थान का रहनेवाला हूँ, में श्री हनुमान जी से जुड़ा एक अद्भुत चमत्कार आपके चैनल के माध्यम से शेयर करना चाहता हूँ, Hanumanji ki Satya Ghatna
बात 4 साल पहले की है जब में दीवाली मनाने अपने गांव गया था, दिवाली हमने बहुत धूम धाम से मनाई फिर दीवाली के अगले दिन हम ‘राम राम’ करने अपने रिश्तेदारों के और आस पास के घरों में जाते है,
तो में अपने कजिन भैया के साथ गाँव में हमारे कुछ रिश्तेदार थे उनके घर गए, वो मेरे अंकल लगते है, वहा मेरी आंटी ने मुझे निम्बू पानी पीने को दिया और मेरे भैया ने चाय पी,
फिर वहां से हम अपने घर वापस आ गए वो दिन तो निकल गया, अगले दिन जब में सुबह उठा तो मेरी तबीयत एकदम से ख़राब हो गयी कुछ समझ नहीं आ रहा था मुझे कि क्या हुआ,
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था और मेरा ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा हो गया था और बहुत अजीब सा लग रहा था, कोई मुझसे बात करने का प्रयास करता तो भी मुझे गुस्सा आ रहा था,
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फिर एक बार के लिए वहां के लोकल डॉक्टर को दिखा के मैंने BP की टेबलेट्स ले ली और फिर अगले दिन में अपने घर बीकानेर वापस आ गया,
घर आने के बाद भी मुझे वही प्रॉब्लम वापस होने लगी और अजीब सा डर लगने लगा, मैंने फिर वहा के अच्छे डॉक्टर को दिखाया और सारे चेक उप भी करवाए पर सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल आई,
धीरे धीरे प्रॉब्लम ज्यादा होने लग गयी और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मेरे साथ आखिर हो क्या रहा है, मेरे घरवालों को लगा की नज़र लग गयी होगी तो जो टोटके होते है नज़र उतारने के लिए वो भी कर दिए उन्होंने फिर भी कुछ नहीं हुआ,
मेरी हालत ऐसी होती जा रही थी की में घर से बहार निकलने में डरने लगा था, किसी से बात नहीं करता था, अपने कमरे में ही रहता था, शाम के समय तो बिलकुल बाहर नहीं निकलता, गुस्सा आता रहता, न किसी काम में मन लगता, ऐसे करते दो महीने हो गए,
कुछ पैरानॉर्मल एक्टिविटी भी उस टाइम मेरे साथ होने लगी थी, रात के 3 बजे के आस पास अपने आप डर के मारे नींद से उठ जाता था और कभी सोते सोते ऐसे लगता की में हिल नहीं पा रहा हूँ किसी ने बुरी तरह जकड़ लिया हो जैसे बॉडी पे प्रेशर फील होता था,
और कभी ऐसा लगता रहता कि कोई पीछे खड़ा है मेरे या कोई देख रहा है मुझे और पीछे खड़ा आवाज़ लगा रहा है और मुझे आग के गोले भी दिखाई देने लगे थे, ड्राइव करते हुए भी होश नहीं रहता कितनी बार मेरा एक्सीडेंट होते होते बचा,
फिर में जब जॉब पे जाता था तो रास्ते में एक मंदिर आता था लाल रंग का, पहले मैंने कभी गौर नहीं किया था की वो किसका मंदिर है, लेकिन एक दिन जॉब पर जाते वक़्त में एकदम से ही उस मंदिर के सामने रुक गया और देखा तो वो श्री हनुमानजी का मंदिर है,
फिर मैंने श्री हनुमानजी के दर्शन किये और जब वहा से निकला तो कुछ मैजिकल हुआ मेरे साथ मुझमें कॉन्फिडेंस आया और एक नयी उर्जा फील हो रही थी में वहाँ से लौटकर वापस घर आया तब फिर से वही प्रॉब्लम होने लगी मुझे,
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तब तक में समझ चूका था कि कुछ गड़बड़ है मेरे साथ फिर मुझे अचानक ही अपने आप श्री हनुमान चालीसा का ध्यान आया, वैसे तो में बचपन से ही श्री हनुमान चालीसा पढ़ता था लेकिन बाद में मैंने पढ़ना बंद कर दिया था,
फिर एक दिन मंगलवार की शाम के समय मैंने सोचा कि श्री हनुमान चालीसा पढ़ लेता हूँ, मैंने घर के पूजा घर में रखी श्री हनुमान चालीसा को जैसे ही उठाया तो मेरे हाथ और पूरी बॉडी ज़ोर ज़ोर से कांपने लगी,
पता नहीं क्यों मेरी हिम्मत ही नहीं हो पा रही थी श्री हनुमान चालीसा को पढ़ पाने की, मैंने अपना ध्यान केन्द्रित करके जैसे ही श्री हनुमान चालीसा को पढ़ना शुरू किया तो एकदम से ही मुझे जोर से एक धक्का लगा और मेरे कमरे के दरवाज़े पे जाके कुछ टकराया जैसे कोई वहा से भागा हो,
यह सब देख कर में बहुत डर गया और एकदम से अपने आप ही जोर से चिल्लाया पर मुँह से आवाज़ नहीं निकली और मैंने फिर श्री हनुमान चालीसा वापस रख दी,
में आपको बता दू की जो नेगेटिव एनर्जी मेरे अंदर थी वो एक प्रेत आत्मा थी और जब मैंने श्री हनुमान चालीसा पढ़नी शुरू की तो वो मेरे अन्दर से निकल कर भागी और वो प्रेत आत्मा मुझपे निम्बू से ब्लैक मैजिक करके मेरे रिश्तेदार ने भेजी थी जब में गाव गया था तब,
ताकि में मेरा घर छोड़ दू और कही चला जाऊ, ये सारी बातें बाद में एक जानकार इंसान से पूछने पर पता लगी थी जो बातें बताई उन्होंने की कब मे गाव गया और मुझे क्या पिलाया गया और मेरे साथ क्या क्या हो रहा था वो एकदम सही थी और फिर मेरे माता पिता को भी अब यकीन हो गया था इस बात पर,
मेरा ये अनुभव में इसीलिए शेयर कर रहा हूँ क्यूंकि लोग आज भी भूत प्रेतों को नहीं मानते लेकिन वो होते है और ईश्वर हमारी उनसे रक्षा करते है,
में यही कहना चाहता हूँ की वो श्री हनुमानजी ही थे जो मुझे मंदिर में ले गए फिर श्री हनुमान चालीसा पढ़ने का मेरे दिमाग में विचार डाला और जैसे ही मैंने पढ़ना शुरू किया तो वो प्रेत आत्मा भाग गयी, जब भी वो दिन याद आता है तो एकदम से सब कुछ फील होने लगता है,
श्री हनुमानजी सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते है, इस घटना के बाद मेरा श्री हनुमानजी में विश्वास और आस्था और बढ़ गयी, अब में बिलकुल ठीक हूँ और हर मंगलवार को श्री हनुमानजी के मंदिर जाता हूँ और हर रोज़ सोने से पहले एक बार श्री हनुमान चालीसा पढ़ता हूँ,
आपके चैनल के माध्यम से में सभी दर्शकों से आखिर में यही कहना चाहूंगा, “संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।”
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला