श्री हनुमानजी के मंगलवार का व्रत कैसे करे? Hanumanji Mangalvar Vrat in Hindi
श्री हनुमानजी इस कलयुग के सब से जाग्रत देव है। भगवान शिव के बाद श्री हनुमानजी ही है जो अपने भक्तों की सच्ची भक्ति देखकर शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते है। Hanumanji Mangalvar Vrat in Hindi
गोस्वामी तुलसीदास ने श्री हनुमान चालीसा में लिखा है, “चारो जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा”
अर्थात, श्री हनुमानजी ही एक ऐसे देवता है जो हर युग में किसी न किसी रूप में अपने भक्तों के लिए संकटमोचक बनकर मौजूद है।
हमारे हिन्दू शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की श्री हनुमानजी की सेवा करना और उनका व्रत रखने से उनके भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए जानते है श्री हनुमानजी के मंगलवार व्रत के बारे में कुछ महत्व पूर्ण जानकारी।
हनुमानजी के मंगलवार व्रत का महत्व:
हिन्दू धर्म में श्री हनुमानजी के मंगलवार व्रत को बहुत महत्व दिया गया है। जो व्यक्ति श्री हनुमानजी के मंगलवार व्रत करता है, बजरंगबली उसके सारे संकट हर लेते है।
श्री हनुमानजी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा विधि पूर्ण करने और श्रद्धा पूर्वक उनका उपवास रखने से बजरंगबली की असीम कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिषों के अनुसार मंगलवार व्रत रखने से ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है, ये व्रत करने से कुंडली के सारे ग्रह शांत हो जाते है।
संतान प्राप्ति के लिए भी श्री हनुमानजी के मंगलवार व्रत को बहुत ही फलदायी माना गया है।
मंगलवार व्रत रखने से सुख समृद्धि, यश, ऐश्वर्य, साहस, सम्मान और पुरुषार्थ बढ़ता है।
मंगलवार व्रत पूजा विधि
श्री हनुमान जी का व्रत लगातार 21 मंगलवार करना चाहिए। मंगलवार के दिन भ्रमा मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के नित्य कार्यों से निपटकर, स्वच्छ कपड़े पहनकर आसन पर बैठे।
जल पात्र से दाहिने हाथ में जल लेकर श्री हनुमानजी का ध्यान करे और मंगलवार व्रत का संकल्प ले और जल को ज़मीन पर गिरा दे।
इसके बाद ईशान कोण की दिशा (उत्तर-पूर्व कोने) में किसी स्वच्छ स्थान पर बजरंगबली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर गंगाजल के छीटें देकर उनको लाल कपड़ा धारण कराएं।
फिर पुष्प, अक्षत और रोली के छीटें दें। इसके बाद चमेली के तेल या घी का दीपक जलाएं । इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
इसके बाद श्री हनुमानजी को फूल अक्षत अर्पित करें और फूल हाथ में रखकर उनकी व्रत कथा सुनें और श्री हनुमान चालिसा, हनुमान अष्टक और सुंदरकांड का पाठ भी करें।
इसके बाद श्री हनुमानजी को भोग लगाएं और अपनी मनोकामना प्रभु से कहें और प्रसाद सभी में बांट दे।
दिन में सिर्फ एक पहर का भोजन लें। अपने आचार-विचार शुद्ध रखें। अगर संभव हो तो दान जरूर करें। शाम के समय भी श्री हनुमान मंदिर जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें और उनकी आरती करें।
श्री हनुमान चालीसा के पाठ का 21 दिन का संकल्प कैसे ले?
21 मंगलवार के व्रत होने के बाद 22वें मंगलवार को विधि-विधान के साथ श्री हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें चोला चढ़ाएं। उसके बाद 21 ब्राह्मणों को बुलाकर उन्हें भोजन कराएं और क्षमतानुसार दान–दक्षिणा दें।
श्री हनुमानजी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहेगी।
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धन्यवाद 🙂
जयेश वाघेला