Bajrangbali ki Satya Ghatna
हनुमानजी के मंगलवार व्रत का फल मिला इस महिला भक्त को, माना बजरंगबली को अपना भाई – Hanumanji ke Chamatkar ki Sacchi Kahani
में अपना नाम गुप्त रखना चाहती हूँ, में UP के कानपूर की रहनेवाली हूँ, में पिछले 5 साल से श्री हनुमानजी के मंगलवार का व्रत करती आ रही हूँ और में उन्हें अपना भाई मानती हूँ और उनको हर साल रक्षा बंधन के दिन पनकी मंदिर जाकर राखी बांधती हूँ, Bajrangbali ki Satya Ghatna
ये बात 18th जनवरी 2019 की है मेरी मौसी के लड़के की शादी थी और मैं, मेरी दीदी, बुआ भाभी उनकी लड़की के साथ शादी की शॉपिंग करने P-Road मार्केट गयी थी,
शॉपिंग करने के बाद आखिर में भाभी को साडी पसंद कराते समय मेरी हैंड बैग जो कि झोले में रखी हुई थी और उसमे 2600 रुपए मेरा PAN card, ADHAR card, VOTER ID रखा हुआ था तभी किसी ने मेरा बैग चोरी कर लिया,
जब मुझे अपना सामान खरीदना था तब मुझे पता चला की मेरा बैग चोरी हो गया है, मेरे पैर के नीचे से जैसे ज़मीन खिसक गयी थी और मेरा दिमाग ही काम करना बंद हो गया था,
क्योंकि 27th जनवरी 2019 को मेरा UP पुलिस का एग्जाम था, क्योंकि किसी भी ID के बिना एग्जाम देने को नहीं मिलता है, मैंने वहां पर बहुत ढूंढा लेकिन बैग नहीं मिला,
इसके बाद हम लोगो ने अनाउंसमेंट भी कराया कि बैग में जितने पैसे है सब ले लो पर मेरे सारे ID’s दे दो उसके बिना कोई पहचान ही नहीं थी और नया बनवाने में एक से डेढ़ महीना लग जाता और में अपना एग्जाम नहीं दे पाती,
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उस समय मैंने अपने हनुमानजी को याद नहीं किया क्योंकि मेरा दिमाग सुन्न सा हो गया था मैं रोती रही, घर आने के बाद रात के 9 बजे मैं Cyber Cafe गयी आधार की कॉपी निकलवाने वहां भी कोई काम नहीं बना,
उसके बाद रात के 9:30 बजे मैं किदवई नगर पुलिस स्टेशन गई एप्लीकेशन देने की उनकी मुहर लगा देंगे तो मुझे पुलिस का एग्जाम देने मिल जायेगा पर पुलिस वाले ने वापस कर दिया, कहा कि कल दोपहर में आना और मैं अपने घर वापस आ गयी,
रात भर में रोती रही मुझे नींद नहीं आ रही थी, रोते रोते पूरी रात बीत गयी, फिर जैसे तैसे सुबह 4 बजे के आस पास नींद आयी और सुबह 6 बजे खुल भी गई, फिर भी मैं इतनी ठण्ड में उठि नहीं अपने बेड पर लेटे लेटे रोती रही,
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फिर 8 बजे मेरी मम्मी आई मुझे जगाने के लिए की अभी तक उठि नहीं, मैं जब उठी तो मुझे हनुमान जी पे बहुत गुस्सा आया और गुस्से में ना ही उस दिन मैंने उनकी पूजा की और ना ही श्री हनुमान चालीसा पढ़ी की मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ,
फिर उसी वक़्त मैंने अपने बजरंगबलि से कहा की जब तक मेरी सारी ID’s मुझे नहीं मिल जाती तब तक मैं कुछ भी नहीं खाऊंगी, बस सच्चे मन से मैंने इतना ही बोला था जयेशभाई,
बस इतना कहने के एक घंटे के बाद ही एक महिला ने मेरे घर का दरवाज़ा खटखटाया, जैसे ही मैं बाहर आयी तब उन्होंने मेरा नाम लेकर कहा कि उन्हें इस नाम की लड़की से मिलना है,
मैंने उनसे कहा की जी वो मैं ही हूँ, उस महिला के साथ एक छोटा बच्चा और उनके पति भी थे, फिर उसने तुरंत मेरा Adhar Card, Pan Card और Voter ID सब दे दिया और उन लोगो ने कहा कि मुझे पता था की तुम बहुत परेशान होगी इसीलिए हम लोग तुम्हारा सामान तुम्हे वापस देने आये है,
अपनी सारी ID’s लेते समय भी मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे, उन लोगो ने कहा कि उनको ये जरीब चौकी पर सड़क पे पड़े मिले थे,
अपना सामान लेने के बाद और उन लोगो के जाने के बाद मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था की मेरी ID’s मुझे वापस मिल गयी है और मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा,
बाद में मैंने सबको फ़ोन करके बताया की मेरी ID मिल गयी है और मैं अपना एग्जाम भी दे सकती हूँ, फिर मैंने अपनी बुआ की लड़की को फ़ोन करके बताया, उसने मुझे एक ही बात कही की “दीदी आप श्री हनुमानजी के व्रत रखती हो और उन्हें भाई मानती हो कही श्री हनुमानजी तो नहीं आये थे तुम्हारे ID’s देने?”
फिर मुझे बाद में एहसास हुआ कि ज़रूर वे मेरे भाई बजरंगबलि ही थे जो किसी और रूप में आये थे, में तो उनपे गुस्सा हुई थी फिर भी मेरी सहायता करने वे आये और मैं उन्हें पहचान न सकी, वे कितने दयालु है मैंने तुरंत मेरे प्रभु से माफ़ी मांगी और प्रार्थना की इसी तरह जीवन के हर कदम पर मेरा साथ देना प्रभु.
बस आखिर में यही कहना चाहूंगी कि इस कलयुग में श्री हनुमानजी की भक्ति ही हमें हर संकट से बचाती है, बस उन पर अटूट विश्वास रखे, मन में कोई शंका न रखे और जब भी आप पर कोई संकट आये तो दिल से उन्हें पुकारे वे किसी न किसी रूप में आपकी सहायता करने ज़रूर आएंगे.
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जयेश वाघेला