Bajrangbali ki Sacchi Kahani in Hindi
शादी के सिर्फ 10 दिन ही बाकी थे और जो हुआ उसे देख कर आप दंग रह जायेंगे – अद्भुत सच्ची घटना
मेरा नाम श्वेता है और वैसे तो मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ पर किसी कारणवश हम राजस्थान शिफ्ट हो गए, वैसे तो कई बार मैंने श्री हनुमानजी की कृपा को महसूस किया है, पर ये जो अनुभव है इससे श्री हनुमानजी के प्रति मेरी श्रद्धा और बढ़ गयी है, मैं श्री हनुमानजी को अपना भाई मानती हूँ, Bajrangbali ki Sacchi Kahani
22nd जून 2019 को मेरा रोका हुआ था, उस समय मेरे ससुराल वालो ने कहा था की हम इसी साल शादी करेंगे, तब मेरे पापा ने हाँ तो कर दी पर मुझे चिंता हो गयी कि हम शादी कैसे करेंगे हमारे पास तो इतने पैसे नहीं है,
फिर पापा ने कहा कि कोई बात नहीं सब हो जायेगा, लेकिन मेरी चिंता दिन रात बढ़ती ही जा रही थी, रात को मैं ठीक से सो भी नहीं पाती थी,
फिर एक दिन मेरे ससुराल वालो का फ़ोन आया की हमने 1st दिसम्बर 2019 को शादी की डेट फिक्स कर दी है, पापा भी मान गए कि ठीक है इसी दिन शादी करेंगे, लेकिन हमारे पास तो पैसे भी नहीं है कि शादी कर सके,
मेरा रो रो के बुरा हाल हो रहा था, मैं अपने भाई बजरंगबली को याद करती कि अब आपको ही ये काम पार लगाना है, मेरे घर की इज्जत अब आपके हाथ में ही है,
एक दिन मेरे सपने में मेरे बजरंगबलि आये और उन्होंने मुझसे कहा कि चिंता मत कर जो भी तेरी इच्छा है तू उसे एक कागज़ में लिख मैं सब पूरी करूँगा,
अगले ही दिन सुबह उठकर मैंने वो बात मेरी मम्मी को बताई और मम्मी ने कहा कि कर ले जैसे तेरे भाई बजरंगबलि ने कहा है, मैं जल्दी से नहा के मैंने शादी की चिंता के बारे में एक पेपर पर लिखा और उस पेपर को मैंने मंदिर में रख दिया,
शादी को सिर्फ 3 महीने ही बचे थे तभी मेरे ससुराल से फ़ोन आने लगा की शादी का वेन्यू कहा बुक किया है और हम बारात कहा लेकर आएंगे, पर हम कैसे बोलते कि हमारे पास पैसे ही नहीं है की कोई जगह बुक कर पाये,
एक महीना ऐसे ही निकल गया इस बीच मेरे पापा की तबीयत ख़राब हो गयी, हमने टेस्ट करवाये तो पता चला की पापा की किडनी फेल हो गयी है, ये सुनकर तो हमारे पैरो तले जमीन हिल गयी,
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अब मेरी चिंता और बढ़ती जा रही थी एक तरफ शादी और दूसरी तरफ पापा की तबीयत मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं, कभी मन करता की शादी को ही मना कर दूं,
लेकिन फिर मुझे मेरे भाई बजरंगबली की बात याद आयी, तब मैं उनकी मूर्ति के आगे बैठकर रोती रही मेरे साथ मेरी मम्मी भी रोने लगी,
फिर पता नहीं अंदर से आवाज़ आयी की हिम्मत मत हारो सोचा की जो होगा अब देखा जायेगा, अब मेरे बजरंगबलि को ही मेरी इज़्ज़त रखनी है, अब जो भी करेंगे वे ही करेंगे, फिर मैं अपने काम पे लग गयी,
एक हफ्ते बाद मेरे ससुराल से फोन आया कि हमारे सारे रिश्तेदार हिमाचल से आएंगे तो सबका वहां आना पॉसिबल नहीं हो पायेगा और भाई साहिब की भी तबीयत ठीक नहीं है,
इसलिए शादी का सारा अरेंजमेंट हम दिल्ली में ही कर लेंगे, आप लोग चिंता न करे हम यहाँ सब खुद कर लेंगे आप लोग बस यहाँ आ जाओ,
उस दिन मैं बहुत खुश हुई, मेरे भाई बजरंगबलि ने जो वादा किया था वो पूरा किया मेरा विश्वास उनपर और बढ़ गया, अब सोचा था की बस अब थोड़े बहुत पैसो का इंतज़ाम हो जाये तो शादी के कपड़े और गहने ले लेंगे, तब मैंने चैन की सांस ली,
फिर शादी की डेट पास आने लगी पैसो का इंतेज़ाम कही से नहीं हो पा रहा था, अब शादी को सिर्फ एक महीना ही बचा था, मुझे फिर से बहुत टेंशन होने लगी और दिन निकलने लग गए थे,
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बस अब शादी को 15 दिन ही बचे थे जिसमे मेरी कोई तैयारी नहीं हुई थी और ना ही शादी का कोई कपडा आया था और ना ही गहने, अब सच में मैं अंदर से बहुत टूट चुकी थी, अब तो घरवालों की बहुत बेइज़्ज़ती हो जायेगी यही सोचते सोचते रात भर में रोती रही और रोते रोते मेरी आँख लग गयी,
फिर मेरे भाई बजरंगबली मेरे सपने में आये उन्होंने मुझसे कहा की तू चिंता मत कर तेरा भाई तेरे साथ है, ये बोलते ही मेरी आँख खुल गयी, ये बात मैंने अपनी मम्मी को नहीं बताई,
मैं कमरे से बाहर बैठी ही थी की इतने में एक अंकल आये पापा की तबीयत के बारे में पूछने के लिए, पापा ने फिर उन्हें बताया की 10 दिन बाद मेरी बेटी की शादी है और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है और पैसो की वजह से कोई तैयारी भी नहीं हुई है,
ये सुनते ही वो अंकल बोले कि तू चिंता मत कर मैं हूँ ना फिर 20 नवंबर से 30 नवंबर तक पता नहीं कैसे पैसो का इंतज़ाम होता चला गया, ये सब देख कर मैं भी चौंक गयी थी की ये सब कैसे अपने आप हो रहा है,
मेरी सारी तैयारी भी हो गयी और मेरी शादी भी बहुत अच्छे से हो गयी कोई दिक्कत नहीं आयी, ये मेरे प्रभु मेरे भाई बजरंगबली की कृपा से ही हुआ है उन्होंने अपना वादा पूरा किया,
आज मेरी शादी को 8 महीने हो गए है और मैं अपने ससुराल में बहुत खुश हूँ और मैं अपने भाई बजरंगबलि के प्रति विश्वास को हर किसी को बताती हूँ की मेरे भाई बजरंगबली ने अपना वादा पूरा किया,
मेरे हस्बैंड इतना पूजा पाठ में विश्वास नहीं करते थे, पर जब से मैंने अपने भाई बजरंगबलि के प्रति विश्वास दिखाया है तब से उनका भी विश्वास उनके प्रति बढ़ रहा है,
जयेश भाई आखिर में बस मैं यही कहना चाहूंगी कि जब हम अपने पूरे विश्वास के साथ अपनी जिंदगी की डोर उनके हाथ में छोड़ देते है तो वो हमारे साथ कुछ गलत नहीं होने देते.
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जयेश वाघेला