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Hanumanji Chamatkar Real Story in Hindi

इस भक्त ने एक गलती की थी वो आप मत करना – हनुमानजी का चमत्कार

मेरा नाम हैरी सिंह है और मैं पंजाब का रहनेवाला हूँ, मेरी उम्र 30 साल है और मैं बजरंगबली का एक छोटा सा भक्त हूँ, मैंने बजरंगबली की भक्ति तक़रीबन अपनी 19-20 साल की एज से शुरू कर दी थी, Hanumanji Chamatkar Real Story in Hindi

शुरू में तो मैंने बहुत ही ज़्यादा ध्यान और भक्ति की और मैंने वो सब पाया अपने जीवन में जो मैंने चाहा था, मैं सुबह नहा के आसन बिछा के लंगोट पहनकर बस श्री हनुमान चालीसा का पाठ करता रहता था, मैं बहुत ज्यादा मानने लगा था श्री हनुमानजी को, मैं एक-एक घंटे रूम से बाहर नहीं आता था,

फिर 23 साल की उम्र में मेरी शादी हो गयी और मेरा ध्यान भक्ति में कम हो गया, पता नहीं क्यों मेरा मन भटक गया था, फिर बीच बीच में 6-6 महीने तक का गैप आ जाता था, ये ही मेरी सबसे बड़ी भूल थी,

मुझे जीवन में बहुत मान सम्मान मिला और ये सब जानते हुए भी कि ये सब कुछ बजरंगबली की कृपा से ही मिला है, मगर पता नहीं क्यों अब तो मैं श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी नहीं करता था, पर हाँ मन में कभी कभी नाम ज़रूर लेता रहता था बजरंगबली का,

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पर वो कहते है न कि भक्त भले ही भगवान को भूल जाये, लेकिन भगवान कभी अपने भक्त को नहीं भूलते, ऐसा ही कुछ हुआ जब कोरोना वायरस की महामारी के कारण लोकडाउन शुरू होने वाला था,

मेरे लिए तो 2020 बहुत ही अच्छा साल रहा क्योंकि मेरे बजरंगबली ने मुझे वापिस अपनी शरण में बुला लिया, मार्च महीने में हमने अपना घर बेच दिया और पंजाब के ही एक खूबसूरत और महंगे शहर में रहने का निश्चय किया, क्योंकि मैं रहता वही अपनी वाइफ के साथ और जॉब भी वही करता था,

मेरी माँ का देहांत कुछ ही महीने पहले हुआ था तो हम पापा को अकेले नहीं छोड़ सकते थे तो हमें घर बेचना पड़ा और पापा को अपने पास बुलाया जहां मैं जॉब करता था,

घर थोड़ा सस्ता सेल हुआ तो ज्यादा पैसे भी नहीं थे, सारे रिश्तेदारों ने पापा से बहुत कुछ कहा की आप घर को मत सेल करो आपसे घर नहीं बन पायेगा वहा पर, लेकिन मुझे अपने बजरंगबलि पर पूरा भरोसा था कि वे कोई विघ्न नहीं आने देंगे,

तो मैंने मार्च महीने में ही घर सेल होने से पहले रोज़ शाम को बजरंगबली के सामने दिया जलाता, श्री हनुमान चालीसा, संकटमोचन, बजरंग बाण, श्री राम स्तुति और फिर बजरंगबली की आरती और फिर कुछ समय तक अपनी वाइफ के साथ श्री राम नाम का भजन करता था,

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और पता नहीं मेरे अंदर कई सालों बाद श्री हनुमानजी के प्रति इतनी श्रद्धा जागी कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता, अपना पूरा समर्पण कर दिया था उनके चरणों में, उठता बैठता बस उनका ही नाम लेता रहता,

अब एक दिन घर लेने से पहले ही मुझे ये पता चला की मुझे किसी भी हालत में लोन मिल ही नहीं सकती, क्योंकि मैंने एक टाइम पे एक क्रेडिट कार्ड बनवाया था और कुछ कारणवश पैसे नहीं दे पाया था, तो मेरा क्रेडिट स्कोर बहुत ही कम था और लोन की अमाउंट भी ज़्यादा थी,

अगर मैं अपने बचे हुए घर के पैसो से पैसे देता तो मेरे पास पैसे बहुत कम बच रहे थे और फिर वेट करना पड़ता कि कब मेरा क्रेडिट स्कोर ठीक होगा और लोन मिलेगा, पर मैंने सब कुछ मेरे बजरंगबलि पर छोड़ दिया था और अपनी वाइफ के साथ पूजा-पाठ करता रहा, Hanumanji Chamatkar Real Story in Hindi

फिर जून महीने में मैंने घर फाइनल करके बिल्डर के कहने पर उनको कुछ पैसे दे दिए और उन्होंने मेरा लोन अप्लाई करवा दिया उसी बैंक में जिससे मैंने क्रेडिट कार्ड बनवाया था, लेकिन मैं चुप रहा और रोज़ दिन रात बजरंगबलि से प्रार्थना करने लगा,

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जयेश भाई आप मानोगे नहीं मेरे बजरंगबली ने ऐसी व्यवस्था की कि अपने आप सब काम होते गए और मेरे पास लोन सैंक्शन का लेटर आ गया और एक सबसे बड़ी बात ये थी की मुझे लोन करवाने वाले एजेंट ने कहा कि मुझे कई साल हो गए है इस काम में लेकिन आज तक किसी का लोन इतनी जल्दी पास नहीं हुआ और चेक बनके नहीं आये,

और मुझे ये भी पता चला की मेरा क्रेडिट स्कोर ही नहीं चेक किया गया, आज तक बैंक हिस्ट्री में कभी ऐसा नहीं हुआ की किसी का बिना क्रेडिट स्कोर देखें एक रूपया भी बैंक ने किसी को दिया हो, लेकिन वो खुद सब हैरान थे कि ये कैसे हुआ तो मैंने मन में कहा कि उनकी आँखों पर पर्दा डालने वाले मेरे बजरंगबलि ही थे,

जब लोन पास हुआ उसी दिन मैंने घर में पूजा करवाई और प्रभु को भोग लगाया और घर में एक बजरंगबली का मंदिर भी बनवाया है जहां उनकी बहुत बड़ी तस्वीर लगाई है,

उस फ्लैट में कोई एक्स्ट्रा जगह नहीं थी मंदिर के लिए पर बजरंगबली को मैंने कहा की आप मेरे साथ रहो इस घर में मेरी विनती है, तो ऐसा आईडिया आया कि मैंने अपने घर में एक ऐसी जगह ढूंढ ली की जहा सिर्फ मंदिर बने, वहाँ रोज़ में और मेरी वाइफ पूजा करते है और हर मंगलवार को व्रत रखते है बजरंगबली का,

इसके साथ मुझमें इतना परिवर्तन आया की में पूरा आध्यात्मिक मार्ग पर चल दिया, मैंने शिव पुराण और श्रीमद भगवद गीता को पढ़कर जाना और समझा और एक-एक करके सारे शास्त्रों का अध्ययन कर रहा हूँ इससे मेरा जीवन बहुत ही खुशहाल और शांत हो गया है,

मेरा अपने आप नॉन वेज खाना छूट गया और अब प्याज और लहसुन तक का परहेज़ करता हूँ, तो ऐसे ही मेरे बजरंगबली की कृपा से मेरा घर हुआ और मेरे पिताजी भी बजरंगबली को बहुत मानते है,

मेरे सारे रिश्तेदार भी हैरान है की ऐसे कैसे घर बन गया, पर मैं आज भी हर किसी को बोलता हूँ मैंने कुछ नहीं किया, जो किया मेरे बजरंगबलि ने किया है, ऐसी है मेरे बजरंगबली की कृपा और महिमा, अब तो मेरा पूरा जीवन उनके चरणों में समर्पित है.


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धन्यवाद 🙂

जयेश वाघेला

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